नोएडा विकास प्राधिकरण ने रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक ग्रुप पर बड़ी कार्रवाई की है। प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक ऋतु महेश्वरी ने बताया है की सुपरटेक बिल्डर पर नोएडा विकास प्राधिकरण के 293 करोड़ रुपये बकाया हैं। ऋतु महेश्वरी ने बताया है की यह बकाया राशि नहीं चुकाने पर सुपरटेक ग्रुप पर विकास प्राधिकरण ने 293 करोड़ की वसूली के लिए नोटिस (RC ) जारी किया है। बता दें कि यह कार्यवाही खुद प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बिल्डर पर की हैं।
नोटिस भेजने पर भी नहीं चुकाई बकाया राशि
कार्यपालक अधिकारी ने बताया की बिल्डर को बार बार बकाया राशि चुकाने के लिए नोटिस भेजे जा रहे थे। इसके बावजूद बिल्डर ने प्राधिकरण के 293 करोड़ रुपये की बकाया राशि नहीं चुकाई। उन्होंने कहा की प्राधिकरण लगातार सुपरटेक बिल्डर को नोटिस जारी कर रहा था। लेकिन बार बार नोटिस भेजने पर भी बकाया राशि न चुकाने के कारण सुपरटेक ग्रुप पर विकास प्राधिकरण ने बड़ी कार्यवाही की है।
35 टावर का निर्माण पूरा किया जा चूका है
बता दें की नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर-74 में सुपरटेक को जीएच-01 के रूप में 177960.50 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन किया है। इस पर एनसीआर की सबसे बड़ी हाउसिंग परियोजना का निर्माण चल रहा है। जिसके अंदर आवासीय-वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शामिल हैं। इस ग्रुप हाउसिंग भूखंड पर 22 से 24 मंजिला 40 टावर कैपटाउन सोसायटी के लिए तैयार किए जा रहे हैं। इसमें से 35 टावर का निर्माण पूरा कर 4000 लोगों को पजेशन दिया जा चुका है। बाकी पांच टावरों में फिनिसिंग का काम पूरा किया जा रहा है। जिसमें अगले तीन माह में पजेशन देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसी परियोजना के अंदर नार्थ आई के रूप में 66 मंजिला टावर खड़ा किया जा रहा है। जिसका पजेशन 2021 में दिया जाना है।
अरबो रुपये वसूलने के लिए जारी की गई आरसी
सीईओ ऋतु महेश्वरी ने बताया सुपरटेक को सेक्टर-74 में जीएच-1 177960.50 वर्ग मीटर जमीन आवंटित किया गया। बकाया राशि जमा नहीं करने पर बिल्डर व प्रमोटर्स कई बार नोटिस जारी किया गया। उन्होंने बताया की यूपी इंडस्ट्रियल एरिया डेवलेपमेंट एक्ट 1976 की धारा-40 की उक्त भूखंड पर 31 अक्टूबर 2019 तक किश्तों के रूप में 253 करोड़ 24 लाख 65 हजार 84 रुपये का बकाया हो गया। इतना ही नहीं 31 अक्टूबर 2019 तक समय बढ़ोतरी के एवज में 39 करोड़ 90 लाख 55 हजार 66 रुपये हो गए। ऐसे में कुल 2 अरब 93 करोड़ 15 लाख 20 हजार 150 रुपये वसूलने के लिए आरसी जारी की गई। अब यह बकाया राशि सुपरटेक की संपत्ति जब्त कर वसूल की जा सकती है।