दशहरे के दिन नीलकंठ दिखना होता है शुभ, जाने क्यों?

dashara neelkanth
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Dashara अर्थात विजयादशमी का पर्व, जो कि भगवान राम द्वारा रावण का वध करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं। ज्योतिष और पुराणों में विजयादशमी का बड़ा महत्व माना जाता हैं। आज के दिन से जुड़े कई शुभ-अशुभ काम पुराणों में बताए गए हैं।

इन्हीं शुभ कामों में से एक होता हैं नीलकंठ पक्षी को देखना। जिससे घर में धन-धान्य में वृद्धि होती है और शुभ कार्य अच्छे से संपन्न होते हैं। आज हम आपको इसी का कारण बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों नीलकंठ पक्षी को दशहरे के दिन देखना शुभ माना गया हैं।

बुराई पर अच्‍छाई का प्रतीक माने जाने वाला दशहरा hajaro warshon se मनाया जा रहा है। इस दिन माना जाता है कि अगर आपको नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाए तो आपके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना गया है।

Dashara पर Neelkanth पक्षी के दर्शन होने से धन और संपत्ति में बढ़ोतरी होती है। मान्यता है कि यदि दशहरे के दिन किसी भी समय नीलकंठ दिख जाए तो इससे घर में खुशहाली आती है और वहीं, जो काम करने जा रहे हैं, उसमें सफलता मिलती है।

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क्यों शुभ होता है नीलकंठ का दिखना?

जब श्रीराम रावण का वध करने जा रहे थे। उसी दौरान उन्हें नीलकंठ के दर्शन हुए थे। इसके बाद श्रीराम को रावण पर विजय मिली थी। कहते है कि ये नीलकंठ पक्षी कोई और नहीं बल्कि नीलकंठ महादेव थे। यही वजह है कि नीलकंठ का दिखना Dashehra पर शुभ माना गया है।

पूर्वजो ने नीलकंठ के लिए एक कहावत कही है कि नीलकंठ तुम नीले रहियो, दूध भात भोजन करियो, हमरी बात राम से कहियो। इस गीत से दशहरा पर वातावरण गुंजायमान हो उठता है।

neelkanth को पृथ्वी पर भगवान शिव का प्रतिनिधि और स्वरूप दोनों माना गया है। मान्यता है कि भगवन शिव पृथ्वी पर नीलकंठ के रूप में विचरण करते रहते है। इसलिए दशहरा पर्व पर इस पंक्षी से लोग अपनी बात भगवान शिव तक पहुंचाने की प्राथना करते है।

शस्त्रों की होती है पूजा 

इस दिन सभी अपने शस्त्रों का पूजन करते है। सबसे पहले शस्त्रों के ऊपर जल छिड़क कर पवित्र किया जाता है फिर महाकाली स्तोत्र का पाठ कर शस्त्रों पर कुंकुम, हल्दी का तिलक लगाकर हार पुष्पों से श्रृंगार कर धूप-दीप कर मीठा भोग लगाया जाता है। शाम को रावण के पुतले का दहन कर विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है।

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