5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के बाद से श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है। फिलहाल अभी समतलीकरण का कार्य चल रहा है। इसके बाद मंदिर की नींव डाली जाएगी। आज दिल्ली में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई। जिसमें इसको लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं।
Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra, trust constituted to look after construction and management of Ram Janmbhoomi Temple in Ayodhya, meets in Delhi. pic.twitter.com/xeYmMTU4sj
— ANI (@ANI) August 20, 2020
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि आज अनौपचारिक बैठक हुई। CBRI रुड़की और IIT मद्रास का पूरा सहयोग लिया जा रहा है। 10 से 12 जगह पर 60 मीटर की गहराई तक मिट्टी की जांच हुई है। इसके आधार पर फिर भूकंप की स्टडी हुई।
बैठक में यह बात सामने आई है कि मंदिर के लिए 20 से 35 मीटर गहराई से नींव लानी पड़ेगी और 1 मीटर व्यास के गोलाकार में यह होगी। 3 एकड़ में ऐसे कम से कम 1200 खंबे होंगे।
ट्रस्ट ने कहा तांबे की पत्ती करें दान
आपको बता दें मंदिर निर्माण में सीमेंट आदि का उपयोग नहीं किया जाएगा। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती का उपयोग किया जाएगा। आज श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से ट्वीट कर कहा गया कि मंदिर निर्माण में योगदान देने के लिए लोग तांबे की पत्ती दान कर सकते हैं।
मंदिर निर्माण में लगने वाले पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे की पत्तियों का उपयोग किया जाएगा। निर्माण कार्य हेतु 18 इंच लंबी 3mm गहरी और 30 mm चौड़ी 10 हजार पत्तियों की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए ट्रस्ट आवाहन करता है कि तांबे की पत्तियां दान करें।
तांबे की पत्तियों पर दानकर्ता अपने परिवार, क्षेत्र अथवा मंदिरों का नाम गुदवा सकता है। इस प्रकार से ये तांबे की पत्तियां ना केवल देश की एकात्मता का अभूतपूर्व उदाहरण बनेंगी बल्कि मंदिर निर्माण में संपूर्ण राष्ट्र के योगदान का प्रमाण भी देंगी।