लखनऊ पुलिस ने फर्जी पत्र के सहारे उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में मैनपावर सप्लाई का काम दो वेंडरों को दिए जाने के सम्बन्ध में तत्कालीन डीजी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ पद्माकर सिंह पर एफआईआर दर्ज किये जाने विषयक एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर द्वारा की गयी शिकायत की जाँच शासन से कराये जाने की बात कही है।
डॉ पद्माकर सिंह ने 13 अप्रैल 2018 को सभी सीएमओ तथा जिला अस्पतालों को पत्र भेज कर आदेश दिया था कि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम कानपुर ने मात्र दो वेंडर, मेसर्स अवनी परिधि एनर्जी एंड कम्युनिकेशन प्रा०लि० तथा मेसर्स रामा इंफोटेक प्रा०लि० को 31 मार्च 2018 तक चिकित्सालयों में मैनपावर आपूर्ति हेतु अधिकृत किया था।
अतः किसी भी अन्य सेवा प्रदाता एजेंसी को मैनपावर आपूर्ति का काम नहीं दिया जाये. इस के विपरीत उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम कानपुर ने मेसर्स अवनी परिधि की अनुबंधता 31 अक्टूबर 2017 को ही समाप्त कर दी थी और 20 मार्च 2018 के पत्र द्वारा डॉ सिंह को भी इस तथ्य से अवगत करा दिया था.
नूतन के डॉ पद्माकर सिंह द्वारा जानबूझ कर निगम के फर्जी पत्र के आधार पर मैनपावर सप्लाई का काम देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर की मांग की थी। इस पर इंस्पेक्टर वजीरगंज ने अपनी आख्या में कहा कि इस मामले में प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा जाँच कराने के बाद आरोप प्रमाणित होने पर ही एफआईआर दर्ज किया जाना उचित होगा।
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अतः शासन द्वारा इस मामले में जाँच कराया जाना समीचीन होगा। नूतन ने प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य को मामले की जाँच कराये जाने हेतु पत्र भेजा है।