26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद देश का समर्थन किसान आंदोलन से हटता दिखा। बॉर्डर पर पहुंच कर स्थानीय लोगों ने स्थल खाली करने को कहा और इसी बीच 3 किसान संगठनों ने अपना आंदोलन ख़त्म कर दिया। इससे किसान आंदोलन को बड़ा झटका लगा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा हम प्रदर्शन स्थल खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। लेकिन नरेश टिकैत जोकि राकेश टिकैत के भाई है उन्होंने धरना ख़त्म करने की बात कही।
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राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी गाज़ीपुर बॉर्डर पहुंचे। जहाँ उन्होंने कहा कि आज संसद के सत्र का पहला दिन है और ये मुद्दा संसद के अंदर भी उठना चाहिए। अगर सरकार पीछे हटती है तो इससे उनकी कमजोरी नहीं झलकेगी। प्रधानमंत्री सब विषयों पर बोलते हैं, किसान के बारे में भी बोल दें।