देश में तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। जिसकी वजह से नए मरीजों को काफी इंतजार करना पड़ता है और इस बीच उनकी जान भी चली जाती है।
जिसे देखते हुए महाराष्ट्र के पुणे में ऑटो चालकों के एक समूह ने ऑटो को कोरोना मरीजों के लिए एंबुलेंस में बदल दिया है। जिससे यदि कोरोना मरीज को ऑटो से अस्पताल ले जाने पर उसे तुरंत बेड ना मिल पाए तो उसे ऑटो में ही ऑक्सीजन और कुछ अन्य मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
इन ऑटो रिक्शा का नेतृत्व कर रहे डॉ. केशव क्षीरसागर ने कहा, ”बेड मिलने में देर होती है, मरीज की जान भी चली जाती है। हमने ऑटो रिक्शा में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया है। हमारे पास 100 रिक्शे हैं।”
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Maharashtra auto rickshaw वालों ने यह एक बड़ा और सराहनीय कदम उठाया है। जो दुनिया भर के लिए एक संदेश भी है कि मदद करने की इच्छा होतो कोई ना कोई रास्ता निकल ही आता है। खास तौर पर सरकारों को इसे देखते हुए विचार करना चाहिए कि जब ऑटो रिक्शा वाले एक छोटी सी जगह में इतना कुछ कर सकते हैं तो सरकारें करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी उचित व्यवस्था क्यों नहीं कर पाती।