लखनऊ:मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगा लखनऊ स्थित मेडटेक सीओई

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लखनऊ। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) की स्वायत्त संस्था सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) ने 14 अगस्त 2020 को मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स व हेल्थ इन्फोर्मेटिक्स में एक सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस मेडटेक का सॉफ्ट लांच किया, साथ ही एक ओपन चैलेंज प्रोग्राम भी शुरू किया है। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई), लखनऊ, डिपार्टमेंट ऑफ आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स (उत्तरप्रदेश सरकार), एसोसिएशन ऑफ मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री ( एआईएमईडी) व आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन (एएमटीजेड) के सहयोग से सटीपीआई व MeitY द्वारा लखनऊ में मेडटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) की स्थापना की जा रही है।

‘मेडटेक सीओई’ और ‘ओपन चैलेंज प्रोग्राम’ का सॉफ्ट-लांच, MeitY-भारत सरकार की विशेष सचिव और वित्तीय सलाहकार सुश्री ज्योति अरोड़ा और एसटीआई के महानिदेशक डॉ. ओंकार राय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के विशेष सचिव श्री ऋषिरेंद्र कुमार, एएमटीजेड के सीईओ व मेडटेक के को-चीफ मेंटर श्री जितेंद्र शर्मा, एसजीपीजीआई-लखनऊ के निदेशक श्री आरके धीमन, एआईएमईडी के फोरम कोर्डिनेटर श्री राजीव नाथ, एसटीपीआई नोएडा के निदेशक श्री रजनीश अग्रवाल और श्री एसटीपीआई मुख्यालय के निदेशक सुबोध सचान की भी मौजूदगी रही।

भारतीय स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त कर मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने की दिशा में एसटीपीआई मेडटेक की यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सीओई का मुख्य उद्देश्य त्वरित व निरंतर विकास के लिए लाइफ साइंस और हेल्थकेयर इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देना है। ताकि नए व्यावसायिक अवसरों और बाजारों पर पकड़ बना कर को-क्रिएशन प्रोग्राम के माध्यम से वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए समाधान तैयार हो सके। 22 करोड़ रुपये (22 मिलियन) के अनुमानित बजट के साथ, सीओई पांच साल की अवधि में 50 स्टार्टअप का पोषित करेगा। मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स और हेल्थ इंफॉर्मेटिक्स में रिसर्च व डेवेलपमेंट को प्रोत्साहित करेगा। साथ ही उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र को सुविधाजनक बनाएगा ताकि सस्ती और उच्च-गुणवत्ता वाले स्वदेशी चिकित्सा उत्पाद निर्माण वाले युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन मिले। इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। पीजीआई परिसर में 18,000 वर्ग फुट के बिल्ट-अप स्पेस में सीओई का निर्माण किया जाएगा। नैसकॉम के पूर्व चेयरमैन व इंडियन एंजल नेटवर्क के फाउंडर पदमश्री डॉ. सौरभ श्रीवास्तव मेडटेक के चीफ मेंटर होंगे।

मेडटेक सीओई के सॉफ्ट लांच के अवसर पर अपने संबोधन में एसटीपीआई के महानिदेशक डॉ. ओंकार राय ने कहा, “यह सीओई रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगा और मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स डोमेन में अभिनव उत्पादों को विकसित करने में मदद करेगा। यह सीओई जमीनी स्तर पर बदलाव लाएगा और चिकित्सा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर भारत की उम्मीदों को पूरा करेगा। एसटीपीआई द्वारा की गई पहल स्टार्ट-अप को पोषित करने में मदद करेगी, नवाचारों और उद्यमशीलता को बढ़ावा देगी और अपने प्रयासों से भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी।”

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की विशेष सचिव व वित्तीय सलाहकार सुश्री ज्योति अरोड़ा ने कहा, “एसटीपीआई विभिन्न उभरते टेक्नोलॉजी डोमेन में सीओई की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। स्टार्टअप को परीक्षण और सत्यापन के लिए अपने उत्पादों के प्रोटोटाइप के साथ सामने आना चाहिए, और यह सीओई सपोर्टिंग और स्केलिंग में मदद करेगा।”

एआईएमईडी के फोरम कोर्डिनेटर श्री राजीव नाथ ने कहा कि, ” टेली कंसल्टेशन, एआई-बेस्ड डायग्नोस्टिक्स और रिमोट हेल्थकेयर मैनेजमेंट में हेल्थकेयर सेक्टर के लिए अपार संभावनाएं हैं। भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान तेजी से उत्पाद विकास की अपनी क्षमता दिखाई है। आईटी डोमेन में मजबूत पकड़ के कारण हम हेल्थकेयर डोमेन में सॉफिस्टिकेटेड सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स का निर्माण कर सकते हैं।”

वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के विशेष सचिव श्री ऋषिरेंद्र कुमार ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स को बढ़ावा दे रही है और हम बहुत जल्द एक नई पॉलिसी भी शुरू करने जा रहे हैं।”

एसटीपीआई मेडटेक ने अपने इनोवेशन उत्साह को प्रदर्शित करने और विचारों को नई खोज में परिवर्तित करने हेतु मेडिइलेक्ट्रॉनिक्स, हेल्थइनफॉर्मेटिक्स, हेल्थटेक और आईओटी पर केंद्रित स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए ओपन चैलेंज प्रोग्राम भी शुरू किया है।

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