9 नवंबर को डिज्नी प्लस हॉटस्टार अक्षय कुमार स्टार्रर Laxmii रिलीज़ हो गई हैं| निर्देशक राघव लॉरेंस के लिए, ‘लक्ष्मी’ हिंदी फिल्मों की चकाचौंध भरी दुनिया में उनकी बड़ी फिल्म साबित हो सकती थी| लेकिन वह मौका चूक गए, कैसे? ‘लक्ष्मी’ तमिल फिल्म ‘Kanchana’ की ऑफिसियल हिंदी रीमेक हैं और जब उसमे सुपरस्टार अक्षय कुमार हो उम्मीदे अपने आप बढ़ जाती हैं| मगर Laxmii review के बाद फिल्म के उतने अच्छे साबित न होने के बावजूद फिल्म में ऐसा क्या हैं जो उसको अलग बनाता हैं| आइये आपको बताते हैं ‘लक्ष्मी’ में क्या हैं ख़ास|
Laxmii को अलग बनाने की वजह
आप लोगो के लिए ‘लक्ष्मी’ की स्टोरी बहुत अलग नहीं होने वाली हैं, क्यूंकि कई बार हम ऐसा रिवेंज ड्रामा देख चुके हैं जहां पर आत्माएं अपना बदला लेने आती हैं और बॉलीवुड अक्सर इसलिये जाना जाता हैं| लेकिन फिल्म को क्या चीज़ स्पेशल बनाती हैं- वो हैं ट्रांसजेंडर| आजतक ऐसी कोई भी फिल्म नहीं थी जो किन्नरों के हक़ के लिए बने, उनकी जागरूकता के लिए बने ताकि हम लोग उनका नजरिया भी देख पाए| फिल्म में एक यही पॉइंट सबसे अलग हैं, बाकि फिल्म में कॉमेडी, हॉरर सीन्स बहुत बेसिक हैं, इसलिए फिल्म कुछ धमाका नहीं कर पाई हैं|
Laxmii में सरप्राइज दिया शरद ने
फिल्म में आसिफ़ के रूप में Akshay Kumar प्रभावशाली हैं, हालाँकि उनको देख कर आपको कहीं न कहीं राऊडी राठौर जैसी फीलिंग आ सकती हैं| हालाँकि सबसे ज्यादा सरप्राइज करेगा फिल्म में शरद केलकर का किरदार, उन्होंने फिल्म में एक बेहतरीन परफॉरमेंस दी हैं| वह समुदाय की दुर्दशा को उजागर करते हुए, लक्ष्मीजी का ट्रांसजेंडर किरदार निभाते हुए नज़र आए हैं| Laxmii review में शरद की परफॉर्मन्स को बेहद पसंद किया गया हैं|
तांडव गाने में अक्षय ने दी हैं जबरदस्त परफॉरमेंस
फिल्म में कुछ नया ना करने की कोशिश की गई हैं| लेकिन तमाम कमियों को अक्षय कुमार ने अपनी ईमानदार परफॉर्मेंस और उर्जा से ढकने की पूरी कोशिश की है और फिल्म के कुछ हिस्सों को देखने लायक बनाया हैं| फिल्म के अंदर जो तांडव वाला गाना हैं वो मूवी का एक बड़ा प्लस पॉइंट हैं| फिल्म का सबसे डरावना हिस्सा आप वहीं देख सकते हैं और उस गाने पर अक्षय कुमार ने जो बेहतरीन परफॉरमेंस दी हैं उसमे एक अलग ही लेवल की एनर्जी हैं| परदे पर पहली बार अक्षय कुमार और कियारा आडवाणी को एक साथ देखा गया| हालाँकि कियारा फ़िल्म में ख़ूबसूरत दिखी हैं लेकिन उनका रोल ज्यादा नहीं हैं| बाकी फिल्म के सपोर्टिंग कास्ट का काम अच्छा रहा हैं|
Laxmii की कहानी
अक्षय कुमार ने एक मुस्लिम किरदार निभाया हैं| हरियाणा के आसिफ़ (अक्षय कुमार) और रश्मि (कियारा आडवाणी) की कहानी है, दोनों की शादी हो जाती हैं| लेकिन हिन्दू मुस्लिम की वजह से घरवालों की रज़ामंदी से नहीं होती हैं| शादी को तीन साल हो जाते हैं और आसिफ़ के साथ रश्मि ख़ुश है। आसिफ के माता पिता एक हादसे में मारे गये थे| आसिफ टाइल्स और मारबल का बिज़नेस करता है, और उसे भूत-प्रेतों में यक़ीन नहीं है| वह यह अंधविश्वास भगाने के लिए एक संस्था से भी जुड़ा हुआ हैं|
रश्मि के परिवार वाले बेटी के दूसरे मजहब में शादी करने से नाराज़ हैं। रश्मि शादी के बाद अपने घर नहीं गई हैं| आख़िरकार, अपनी शादी की 25वीं सालगिरह के सेलिब्रेशन के लिए रश्मि की मां रत्ना (आएशा रज़ा मिश्रा) उसे अपने घर बुलाती हैं। रश्मि यह सोचकर ख़ुश हो जाती है कि इसी बहाने शायद घरवालों की नाराज़गी दूर हो जाए| वह अपनी घर आसिफ के साथ दमन पहुँचती हैं| रश्मि के पिता आसिफ़ से ख़फ़ा रहते हैं, लेकिन उसके भाई दीपक (मनु ऋषि) और उसकी पत्नी अश्विनी (अश्विनी कालसेकर) को आसिफ़ को स्वीकार करने में कोई दिक्कत नज़र नहीं आती। दीपक जगराते में गाने का काम करता है।
रश्मि के घर के पड़ोस में एक बड़ा सा खाली प्लॉट है, जिस पर लोग कहते हैं किसी भूत-प्रेत का साया हैं और वहां कोई नहीं जाता हैं| एक दिन आसिफ वहां कुछ बच्चो को यह बोलकर कि भूत-प्रेत कुछ नहीं होता, खेलने के लिए ले जाता हैं| जब वह ज़मीन पर स्टंप गाड़ता हैं तो उस समय कुछ परलौकिक शक्ति का एहसास होता है और अचानक मौसम बिगड़ जाता हैं| सारे बच्चे डरकर भाग जाते हैं। आसिफ़ घर आ जाता है।
इसके बाद घर में कुछ सुपरनेचुरल पॉवर का खेल शुरू हो जाता है। रश्मि की मां घर में पूजा करवाती है तो एक आत्मा के होने की पुष्टि होती है। आसिफ की हरकते कुछ बदलने लगती हैं| जब उसके ऊपर एक आत्मा रहती हैं तब उसे लाल चूड़ियां पहनना अच्छा लगने लगता है। साड़ियों की दुकान में वो लाल साड़ी पर मोहित हो जाता है। नहाते वक़्त हल्दी का लेप लगाता है। हालाँकि जब होश में आता हैं तब कुछ याद ना होने का स्वांग करता है। कुछ घटनाएँ घटित होने के बाद आसिफ के अंदर प्रवेश करी हुई रूह बताती हैं कि वह एक लक्ष्मी नाम की किन्नर हैं। और अपना बदला लिये बिना वापस नहीं जाएगी।
आसिफ़ से भूत-प्रेत का साया हटवाने के लिए एक पीर बाबा की मदद ली जाती है, तब लक्ष्मी की बैकस्टोरी पता चलती है। एक भूमाफ़िया ने लक्ष्मी की ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने के बाद अपने परिवार के साथ मिलकर लक्ष्मी और उसके परिवार का क़त्ल कर दिया था। जिनसे बदला लेने के लिए लक्ष्मी आसिफ़ के शरीर पर क़ब्ज़ा करती है। इसके साथ ही फ़िल्म की कहानी लक्ष्मी के बदले पर फोकस हो जाती है। पीर बाबा की मदद से आसिफ़ लक्ष्मी की आत्मा से छुटकारा तो पा लेता हैं। लेकिन लक्ष्मी की कहानी सुनकर इतना दुखी हो जाता हैं कि क्लाइमैक्स में उसका बदला पूरा करने के लिए एक अप्रत्याशित क़दम उठाता है।
Laxmii review
ट्रेलर से आपको लगा होगा कि एक अलग लेवल कॉमेडी साबित हो सकती हैं, लेकिन फिल्म ऐसा कुछ जादू कर नहीं पाती हैं| कुल मिलाकर देखा जाए तो फिल्म एक हॉरर कॉमेडी हैं लेकिन फिल्म ना ही तो ढंग से हँसा पाती हैं और ना ही डरा| हाँ, कुछ दृश्य चौंकाते ज़रूर हैं। कुछ डायलॉग्स के ज़रिये जबरदस्ती हसी पैदा करने की कोशिश की गयी है। फिल्म में बम भोले गाना क्लाइमैक्स में एक अहम स्थिति में आता है और प्रभावित करता है। हालाँकि Laxmii review के अनुसार तो यह साल 2020 की सबसे बहुप्रतीक्षित फ़िल्मों में शामिल, अक्षय कुमार की सबसे कमज़ोर फ़िल्मों में गिनी जाएगी।
कलाकार- Akshay Kumar, Kiara Advani, Sharad Kelkar, Rajesh Sharma, Manu Rishi, Ashwini Kalsekar, Ayesha Raza Mishra, Tarun Arora, Mir Sarwar आदि|
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