बात अक्टूबर 2003 की थी जब पुरातत्वविद् सर्जियो गोमेज़ ‘पिरामिड ऑफ़ टूथिहुआकेन’ के संरक्षण में लगे थे और उस दौरान बहुत बारिश हो रही थी । एक रात सर्जियो गोमेज़ अपने काम में व्यस्त थे तभी बारिश का पानी जमीन में जाने लगा और एक छेद हो गया ,फिर अगले ही दिन गोमेज़ एक रस्सी के सहारे इस छेद के अंदर गए । लगभग 14 मीटर नीचे पहुँचने के बाद, उन्होंने एक सुरंग को देखा ।
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इसके बाद अपनी खोज के बारे में सर्जियो गोमेज़ ने बीबीसी को यह बताया की ,जब मैंने ध्वनि देखी तो ‘मुझे लगा कि यह एक महत्वपूर्ण बात है , लेकिन उस समय मुझे इसके महत्व का कुछ पता नहीं था। लेकिन कुछ समय बाद हमें समझ में आ गया कि इस सुरंग का निर्माण 2000 साल पहले तेओतिहुआकन शहर द्वारा किया गया था ।
इंसान देवता बन कर निकला :-
इस सुरंग की खोज में एक लंबा समय लगा है और यहाँ से हजारों साल पुरानी मूर्तियां मिली हैं जिसका जिक्र करते हुए पुरातत्वविद् सर्जियो गोमेज़ कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि ये मूर्तियाँ टेथिहोनेकेन के संस्थापक का प्रतिनिधित्व करती हैं। जिन लोगों के पास जादुई शक्तियां थीं वे बताते थे कि शहर को कहां पर बसाया जाना चाहिए। मिज़ो अमेरिका के लोगों के हिसाब से केवल तीन ही लोक थे जो आकाश, पृथ्वी और नरक थे । जिसमे पाताल लोक एक अंधेरी, ठंडी और नम जगह हुआ करता था, लेकिन इसे मृत्यु के स्थान के रूप में नहीं बल्कि उत्पादन के स्थान के रूप में जाना जाता था। यहां कई देवता थे जो तीनों लोकों के संचालन के लिए जिम्मेदार थे। तेतिहुचेन शब्द का अर्थ है – ‘जहाँ मनुष्य ईश्वर बन जाता है’। इसी तरह, जब एक राजा मारा जाता था, तो उसके शरीर को जमीन के अंदर ले जाया जाता था और नए राजा को भी शक्तियों के लिए जमीन के अंदर जाना पड़ता था। वह तब एक देवता के रूप में निकला।