राजधानी दिल्ली की सूनसान सड़कों पर 16 दिसंबर 2012 को रात के अँधेरे में चलती हुई एक बस में 6 दरिंदों ने निर्भया के साथ हैवानियत की सभी हदें पार कर दी थीं। इन 6 दोषियों में से एक ने जेल के भीतर ही खुदखुशी कर ली थी जबकि एक अन्य नाबालिग अपराधी 3 साल की सज़ा काटकर 20 दिसंबर 2015 को जेल से रिहा हो गया है। जेल में खुदखुशी करने वाले अपराधी का नाम राम सिंह था जो बस का ड्राइवर व मुख्य अपराधी था।
निर्भया मामले के अन्य चार अपराधियों के नाम पवन गुप्ता, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह तथा विनय शर्मा हैं जिन्हे आज सुबह 5:30 बजे तिहाड़ की जेल नंबर-3 में 7 साल 3 महीने व 4 दिन बाद फांसी के फंदे पर लटका दिया गया है। चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्लाद पवन 17 मार्च को ही तिहाड़ जेल पहुँच गया था। इन चारों दोषियों की फांसी होने तक जेल के अन्य सभी कैदियों को अपनी अपनी सेल में ही बंद रखा गया।
इस प्रकार हुई चारो दोषियों की फांसी
- फांसी से 3 घंटे पहले चारो दोषियों को जगाया गया
- सभी दोषियों को नहलाया गया
- दोषियों को खाने के लिए नाश्ता दिया गया
- जेल के सुपरिंटेंडेंट, डीएम तथा मेडिकल अफसर सभी दोषियों से मिले
- डिप्टी सुपरिंटेंडेंट चारों दोषियों को जेल नंबर-3 में लेकर गए
- यहाँ पर सभी दोषियों को डेथ वारंट पढ़कर सुनाया गया
- फिर दोषियों को फांसी के फंदे के नीचे खड़ा किया गया
- सुपरिंटेंडेंट के इशारा करने पर जल्लाद पवन ने लीवर खींच दिया
- मेडिकल अफसर ने चारों दोषियों की मौत की पुष्टि किया
- मौत की पुष्टि के बाद चारों के शवों को फंदे से उतारा गया
निर्भया के दोषियों की फांसी को लेकर बॉलीवुड सितारों ने किया ट्वीट
इन लोगों ने देखी चारों दोषियों की फांसी
- जेल सुपरिंटेंडेंट
- डिप्टी सुपरिंटेंडेंट
- मेडिकल अफसर
- डीएम या एडीएम जिन्होंने वारंट साइन किया
- कांस्टेबल
- हेड कांस्टेबल या वार्डन