ISRO ने संपर्क टूटने के तीन दिन बाद ही विक्रम लैंडर को खोज लिया था

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नासा ने कल अपने LRO द्वारा विक्रम लैंडर की खोज कर ली थी और एक तस्वीर जारी की थी जिसमे नीले और हरे रंग के बिंदुओं से विक्रम के मलबे को दिखाया गया था। इसपर जब इसरो के चीफ ‘के सीवन’ से बात की गयी तो उन्होंने बताया की ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर को 10 सितम्बर को ही खीज लिया था। इसकी जानकारी हमने अपनी वेबसाइट पर दी थी।’ इसरो ने 10 सितम्बर को ट्वीट कर जानकारी दी थी की chandryan-2 के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है पर अभी तक संपर्क स्थापित नहीं हो पाया। संपर्क स्थापित करने के लिए प्रयास किये जा रहे है।

चंद्रयान-2: टीएमसी-2 से पहली बार आयी चन्द्रमा की 3D तस्वीर

बता दें इसरो ने चंद्रयान-2 को 7 सितम्बर को लांच किया था। इसके दो भाग थे, एक ऑर्बिटर और दूसरा विक्रम लैंडर। ऑर्बिटर चन्द्रमा की सतह से 100 km की ऊंचाई पर सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित हो गया था पर विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से उस वक्त टूट गया, जब लैंडर चाँद की सतह से 2 किलोमीटर की उचाई पर था। विक्रम की चाँद पर हार्ड लैंडिंग हुई और इसरो उससे संपर्क नहीं कर पाया। बाद में पता चला की हार्ड लैंडिंग की वजह से विक्रम लैंडर मलबे में परिवर्तित हो गया था। इसलिए उससे संपर्क स्थापित नहीं हो पाया। इसरो के साथ-साथ अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा भी विक्रम लैंडर की खोज करने में लगी हुई थी और नासा ने 2 बार तस्वीर भी जारी की। पहली तस्वीर 26 सितम्बर को जारी की गयी। जिसमे विक्रम का कोई पता नहीं चला था और दूसरी कल मंगलवार को जारी की गयी जिसमे विक्रम के मलबे को दिखाया गया है।

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