मतदान के दिन जनता कड़कती धूप में अपने मत का प्रयोग करने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में इसलिए लगती है कि वह जिसे चुनने के लिए पहुंची है, वो विधायक सांसद उसके हर दुख दर्द में साथ खड़ा हो। परंतु वहीं जनप्रतिनिधि जब उनके दुख दर्द को अनदेखा कर फ़ोटो शूट करवाने और मोबाइल चलाने में इतना व्यस्त दिखे कि उसके चंद कदमों की दूरी पर कोई नौजवान दर्द से तड़पता रहे और उसकी मां मदद की गुहार लगाती रहे और उसे सुनाई न दे तो ऐसे गूंगे और बहरे माननीय की संवेदनहीनता को कोई शब्द देना मुनासिब नहीं है।
यूपी के लखीमपुर खीरी जिले की सीएचसी निघासन से कुछ ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं जो सवेदनहीनता की सारी हदें पार कर रहीं हैं। अस्तपाल के गेट पर फर्श पर पड़ा बीमार बेटा इलाज के लिये तड़प रहा था और मां अपनी बेबशी पर आंशू बहाती वहाँ मौजूद विधायक से मदद की गुहार लगाई और विधायक फ़ोटो शूट करवाने, मोबाईल फोन चलाने में व्यस्त रहे। अंजाम यह हुआ कि लगभग 4 घंटे बाद जब महिला को एंबुलेंस मिली और वह उसे लेकर जिला अस्पताल के लिए रवाना हुई तो उसके बेटे ने उसके हाथों में ही दम तोड़ दिया।
सुनिए अस्पतालों का हाल, एक माँ की जुबानी…??#Hospital #ignorance #UttarPradesh pic.twitter.com/oNH2DgImyR
— Awaze Uttar Pradesh (@AwazeUttar) June 23, 2021
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दरअसल निघासन इलाके के बीजेपी विधायक शशांक वर्मा (BJP MLA Shashank Verma) सीएचसी निघासन में अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुँचे थे। इसी दौरान सीएचसी गेट पर विधायक जी के समर्थक फ़ोटो खिंचवाने की होड़ में उनके आस पास जमा हो गये और फ़ोटो खिचवाने का कार्यक्रम चलने लगा। विधायक जी भी एक हाँथ से फोन चला व दूसरे हाँथ से मोबाइल फोन को कान में लगाकर किसी से बातें करने में व्यस्त हो गये। पास में ही अस्तपाल की फ़र्श पर इलाज के लिये तड़प रहे युवक व अपनी बेबशी पर आंशू बहा रही उसकी मां विधायक जी को नजर नही आयी, ऐसे में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि की संवेदनहीनता कहीं ना कहीं सवाल खड़ा करती है।
Reporter = फारूख हुसैन