लखीमपुर खीरी । सरकार द्वारा आमजन की पहचान और बैंक से लगाकर हर छोटी मोटी जगह आधार कार्ड का जरूरी कर देना लोगों के लिये अब नासूर साबित हो रहा है क्योंकि अब आधार कार्ड के बनवाने का आदेश आमजन के लिये परेशानी का सबब बन गया है,क्योंकि जिम्मेदार की लापरवाही के कारण इस कोरोना काल में भी आधार कार्ड बनवाने के लिये घंटो लाइन में लगने के बावजूद लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है।
सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियाँ
वहीं जहां लोगों का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है तो वही सोशल डिस्टेंस ना होने के कारण लोगों में कोरोना के स॔क्रमण का खतरा भी लगातार बना रहता है। जिसमें लखीमपुर खीरी जिले की हर तहसीलों में अपने आधार कार्ड का संशोधन करवाने व आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों को अपनी जिंदगी को किस तरह से दांव पर लगानी पढ़ रही है।
दरअसल इस वक्त डाकघर में आधार कार्ड बनाने के लिए आदेश दिया गया है लेकिन डाकघर में आधार कार्ड बनाने वाले कर्मचारी पूरी तरह से लापरवाही बरतते नजर आ रहे हैं जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को घंटों लाइन में लगे रहने के बावजूद भी आधार कार्ड से वंचित रहना पड़ रहा है और वहीं डाकघर में आधार कार्ड बनवाने के लिए उमड़ती भीड़ में सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हालात यह हो गए हैं कि कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से रात से ही लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए लंबी लंबी लाइन में लग जाते हैं,जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। जिनको चक्कर आने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाता है लेकिन फिर भी कई चक्कर लगाने के बाद भी आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं।
आधार संशोधन के लिए दो दिन तक लाइन में लगना पड़ता है
बातचीत में आधार कार्ड बनवाने आए लोगों ने बताया कि हम आधार कार्ड बनवाने है व संशोधन करवाने के लिए सुबह ही डाक घर के सामने लाइन में लग जाते हैं,लेकिन डाकघर के कर्मचारी केवल कुछ ही देर तक आधार कार्ड बनवाते हैं। जिनमें कभी वह 50 आधार कार्ड बनाते हैं तो कभी 20,जिसके कारण हम लोगों को आधार कार्ड बनवाए बिना ही लौटना पड़ता है फिर अगले दिन हम लाइन में लग जाते हैं लेकिन हमें सबसे ज्यादा खतरा कोरोना जैसी महामारी का सक्रमण फैलने का है।
पैसे देने पर तुरंत हो जाता है काम
सूत्रों की माने तो जो लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए₹100 से ₹500 तक रुपए देते हैं तो उनका तत्काल आधार कार्ड बनवाना हो या संशोधन करवाना तुरंत हो जाता है। डाकघर के हालात या हो गए हैं कि वहां ना तो कोई मास्क लगाए नजर आता है और ना ही सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखा जा रहा है। जिससे कहीं ना कहीं यह तो बड़ी लापरवाही सामने आ रही है लेकिन कोई भी संबंधित अधिकारी इस बात को ध्यान में नहीं ले रहा है।
रिपोर्ट:-फारूख हुसैन…