विश्व की एक बड़ी समस्या जिसका अभी तक कोई निश्चित समाधान नहीं निकाला जा सका। उस बीमारी का नाम एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो-डिफिशिएंसी सिंड्रोम) हैं। एड्स होने का सबसे कारण एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस) नामक संक्रमण है। एड्स का नाम सुनते ही लोगों को बहुत आश्चर्य होने लगता है। दरअसल एड्स और एचआईवी के बारे में लोगों को सही तरीके से जानकारी ही नहीं है। इसकी सही जानकारी न होने की वजह से एड्स पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
क्या है एचआईवी और एड्स
एचआईवी एक संक्रमित वायरस है यह वायरस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते ही शरीर को कमजोर करने लगता है। एड्स तब होता है जब एचआईवी का इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, इम्यून सिस्टम वायरस से लड़ने में असमर्थ हो जाता है तब एड्स जैसी बीमारी जन्म ले लेती है। दुनिया के किसी भी देश में अभी तक एड्स का सफल इलाज नहीं निकाला गया है।
एचआईवी एड्स होने के कारण
- एचआईवी एड्स गलत तरीके से या असुरक्षित शारीरिक सम्बन्ध बनाने से होता है
- अगर कोई व्यक्ति एड्स से पीड़ित है तो उसको लगाया गया इंजेक्शन स्वस्थ व्यक्ति को लगाने से उसको भी एड्स हो जाता है।
- एड्स पीड़ित व्यक्ति का खून किसी दुसरे व्यक्ति को देने पर उसको भी एड्स हो जाता है।
- अगर कोई महिला एड्स से पीड़ित है और वह गर्भवती भी है तो उस महिला की गर्भ से जन्म लेने वाले बच्चे को भी एड्स हो जाता है।
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एचआईवी एड्स के लक्षण
- हमेशा बुखार की समस्या।
- हमेशा थकावट महशूस करना।
- लगातार खाँसी का आना।
- धीरे-धीरे वजन का कम होना।
- धीरे-धीरे याददाश्त कम होना।
- हमेशा सिर में दर्द रहना।
- धीरे-धीरे आँखों की रोशनी कम होना।
- धीरे-धीरे पाचन तंत्र कमजोर होना।
एचआईवी एड्स से कैसे बचें
- आप सेक्स करते समय हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।
- हमेशा नई ब्लेड तथा सुई का इस्तेमाल करें।
- असुरक्षित शारीरिक सम्बन्ध से दूर रहें।
- एक से अधिक पार्टनर के साथ शारीरिक सम्बन्ध न बनायें।
- उपर्युक्त दिए गए लक्षणों का एहसास होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
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