जानिए क्या होता है (CABBill) नागरिकता संशोधन बिल

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दोस्तों इस समय नागरिकता संशोधन बिल चर्चा का एक विषय बना हुआ है। कुछ लोगो को अभी नहीं पता की नागरिकता संशोधन बिल होता क्या है। तो आज आपको बताते है की आखिर ये नागरिकता संशोधन बिल होता क्या है। जैसे की आप सभी को पता ही होगे की एनआरसी बिल जो की अप्रवासी भारतीयों की पहचान कर के उन्हें अपने देश वापस भेजने वाला बिल था। उसके विपरीत जो बिल आया है उसे नागरिकता संशोधन बिल कहते है।

भारतीय राष्ट्रीयता देने का प्रयास

नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय राष्ट्रीयता देने का प्रयास ने कल निचले सदन की परीक्षा पास की।ये विधेयक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध और ईसाई प्रवासियों के लिए अवैध अप्रवासी की परिभाषा में संशोधन की पहल है। सिर्फ उनके लिए जो पहले से बिना दस्तावेज़ों के भारत में प्रवास कर रहे हैं। इस बिल के तहत ऐसे शरणार्थियों जिनको छह साल में फास्ट-ट्रैक भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। जिन्हे अभी तक 12 साल तक भारत मैं प्रवास भारतीय नागरिकता का मानक माना जाता था।

अवैध प्रवास की कार्यवाही से बचाना

आपको बता दे की प्रस्तावित कानून उन लोगों पर लागू होता है जो “धर्म के आधार पर उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने के लिए मजबूर होते है। इसका उद्देश्य ऐसे लोगों को अवैध प्रवास की कार्यवाही से बचाना है। लेकिन इस बिल का फायदा उठाने के लिए एक तिथि भी निर्धारित की गई है। जिसके अनुसार जो लोग भारत में 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत मैं प्रवास कर रहे थे। इस बिल के अंतर्गत भारतीय नागरिकता हासिल करने के योग्य माने जाएंगें। जबकि भारतीय संविधान के अनुसार शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए भारत में 11 वर्षों के निवास का प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ता था।

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