वकीलों द्वारा शनिवार से लगातार पुलिस को निशाना बनाया जा रहा था। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को पुरे दिन काली पट्टी बांध कर हड़ताल की और मामले की पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दी। इस दौरान पुलिस अधिकारी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर, पुलिस को शांत कराने के लिए पहुंचे और ड्यूटी पर वापस जाने को कहा पर वकीलों से नाराज पुलिस उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुई और पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के सामने ही नारे लगाने लगे की पुलिस कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो। नारों के बीच अमूल्य पटनायक को वापस जाना पड़ा था और आज किरण बेदी दिल्ली पुलिस के समर्थन में आ गयी है।
Good #MorningNutrition
Leadership is a ‘Character’ that takes responsibility and takes tough decisions.
It is a ‘life’ of ‘doing’…
Tough times go, Memories of Tough Acts Remain.— Kiran Bedi (@thekiranbedi) November 6, 2019
कोर्ट में वकीलों ने किया पुलिसकर्मी की पिटाई
पूर्व आईपीएस किरण बेदी ने पुलिस का समर्थन करते हुए दिल्ली पुलिस कमिश्नर को सलाह दी है। उन्होंने कहा की जब पुलिस ईमानदारी के साथ अपना काम कर रही है, तो पुलिस को उनके वरिष्ठों का आश्रय मिलना चाहिए। किरण बेदी ने आगे कहा की नेतृत्व एक चरित्र है, जो जिम्मेदारी लेकर कठोर निर्णय लेता है फिर कठिन समय चला जाता है। पर कठिन समय में जो कार्यवाही की गयी है, उसकी स्मृतियां सदा यादों में रहती है। बता दें किरण बेदी इस समय पुड्डुचेरी की उपराज्यपाल है। दिल्ली पुलिस ने किरण बेदी को इसलिए याद किया क्योंकि 31 साल पहले 1988 में पुलिस और वकीलों के बीच बवाल हुआ था। दरअसल वकीलों ने तब हड़ताल की थी। जिसकी वजह से अदालतें बंद हुई। वकील डीसीपी किरण के दफ्तर पहुंचे और वहां उनकी झड़प हो गयी और हालात बेकाबू हो जाने पर किरण बेदी को लाठीचार्ज कराना पड़ा था। इस लाठी चार्ज से नाराज वकीलों ने दिल्ली की सभी अदालतों को बंद करा दिया था।