कानपुर। यूपी कानपुर जिले में मोहर्रम को लेकर पुलिस महकमे के आलाअधिकारियों ने समस्त जनपदों के पुलिस अधिकारियों को हर तरह की गतिविधियों पर ध्यान देने के निर्देश दिए है वही उच्च अधिकारियों के निर्देश के बावजूद ग्वालटोली थाना क्षेत्र में मजलिस को लेकर दो पक्षों में जम कर ईट पत्थर चले। मामले की सूचना पाकर घंटो बाद मौके पर पहुंची पुलिस।
इस वजह से शुरू हुआ विवाद
कानपुर के ग्वालटोली थाना क्षेत्र में देर रात मजलिस को लेकर पुलिस और अजादारों में तीखी झड़प हो गई पूरा मामला मजलिस की गाइडलाइन को लेकर था। पुलिस डॉक्टर अली फरजान के घर पर मजलिस हो रही थी जहां पर पुलिस बीच मजलिस से डॉ अली फरजान को उठा कर थाने ले आई जिसको लेकर लोगों में आक्रोश भड़क उठा व थाने पहुंचकर लोगों ने डॉक्टर अली फैजान रिजवी को छोड़ने की बात कही जिसको लेकर पुलिस से हल्की झड़प हो गई।
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वही जब प्रदर्शनकारी थाने पर प्रदर्शन कर रहे थे तो दूसरे पक्ष के कुछ लोग मोबाइल से वीडियो बनाने में लगे जिसको लेकर दोनों पक्षों में तनातनी हो गई उसके बाद दोनों में पथराव हुआ मगर सबसे बड़ी बात यह है कि थाने से 10 कदम की दूरी पर दो पक्ष आमने-सामने आ गए और पुलिस वहां से नदारद रही जब पथराव खत्म हो गया और दोनों पक्ष चले गए तब मौके पर पुलिस पहुंची तो सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस इस मामले को बढ़ाना चाहती थी या बलवाइयों को शह दे रही थी वही हंगामे की सूचना पर आलाधिकारी और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
मौलाना सईद अब्बास मामले में क्या कहा
मौलाना सईद अब्बास का कहना है कि लोग अपने घरो में मजलिस कर रहे थे। लेकिन थाने के चौकी इंचार्ज ने आकर हस्तक्षेप किया। जिसको लेकर इतना मामला बड़ गया मगर अब ऐसी कोई बात नही है। स्थिति सामान्य है।
एसपी वेस्ट ने कही यह बात
एसपी वेस्ट डॉ अनिल कुमार का कहना है कि जिन लोगो ने शहर का माहौल खराब करने का प्रयास किया है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।सीसीटीवी व अन्य साक्ष्य देखे जा रहे है जो भी लोग चिन्हित होंगे उनके ऊपर शक्त कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्ट– दिवाकर श्रीवास्तव