कानपुर। निजी नर्सिंग होमो में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही और ओवर चार्जिंग की खबरे जब मीडिया में सुर्खिया बनी हुई है। तब जिला प्रशासन की नींद टूटी और नर्सिंग होमो की जांच का सिलसिला शुरू हुआ।लेकिन बीते चार दिनों से कानपुर जिलाधिकारी अपनी टीम के साथ कई नर्सिंग होम का निरिक्षण कर चुके है कुछ ऐसे नर्सिंग होम भी थे जिनमे ओवर चार्ज लिया गया। लेकिन उनपर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी। गुरूवार को जिलाधिकारी जिस नर्सिंग होम का निरिक्षण करने पहुंचे उसपर पहले से ही ओवर चार्ज और खराब खाना देने का आरोप लग चुका है। लेकिन मीडिया द्धारा सवाल उठाये जाने के बाद भी सिर्फ खानापूर्ति की गई।
जिलाधिकारी ने किया नर्सिंग होम का निरीक्षण
कानपुर जिलाधिकारी का निजी नर्सिंग होमो की जांच महज खानापूर्ति साबित हो रही है। क्योकि कोविड मरीजों का इलाज कर रहे नर्सिंग होम ओवर चार्ज वसूल रहे है।लेकिन ऐसे नर्सिंग होमो पर कार्यवाही करने के बजाय कृपा बरसाई जा रही है।हम यह बात इसलिए कह रहे है क्योकि बीते तीन दिन पहले कानपुर जिलाधिकारी स्वरुप नगर में बने डिवाइन नर्सिंग होम जांच करने पहुंचे थे।जंहा पर एक तीमारदार ने ओवर चार्ज लेने का आरोप लगाया था।लेकिन उस नर्सिंग होम पर कार्यवाही होने के बजाय उसपर कृपा बरस गई।
गुरूवार के दिन की जब जिलाधिकारी अलोक कुमार तिवारी गोविन्द नगर में बने रीजेंसी नर्सिंग होम की जांच-पड़ताल करने पहुंचे जिसपर पहले से ही कई आरोप लग चुके है। इस अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज करने के नाम पर जमकर धन उगाही की जा रही है। इस नर्सिंग होम में भी जिलाधिकारी ने केवल खानापूर्ति की मीडिया ने जब सवाल उठाया कि एक कोरोना मरीज की मौत होने के बाद डाक्टर पैसो के लालच में उसके शव को परिजनों के सुपुर्द नहीं किया गया था।उनका कहना है कि उसकी जांच सिटी मजिस्ट्रेट कर रहे है और नर्सिंग होम को चेतावनी दे दी गयी है है कि ऐसा ना करे।
रिपोर्ट- दिवाकर श्रीवास्तव