16 सितम्बर 2016 को कानपुर के नौबस्ता में हुए दोहरे हत्याकांड में माननीय न्यायालय ने उसके बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आपको बताते चले कि वारदात की शाम को मृतक के बेटे ने पुलिस को बताया था कि अज्ञात लोगो ने लूट के इरादे से पिता और बहन ही ह्त्या कर दी है। पुलिस ने अपनी जांच में चंद्रवीर को दोषी पाकर जेल भेज दिया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता जीतेन्द्र कुमार पांडेय ने बताया कि 2016 में चंद्रवीर सिंह ने अपने पिता और बहन की ह्त्या कि थी। चंद्रवीर खून से सने कपडे पहने हुए ही थाने में गया था और ह्त्या की वारदात को लूट में दिखाया था। जिसमे पुलिस ने अपनी जांच और 13 गवाहों के बयान व फोरेंसिक एक्सपर्ट की जांच में लूट की घटना को नकार दिया।
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जाँच में पता चला कि चंद्रवीर ने खुद अपने पिता और बहन कि ह्त्या की थी। माननीय न्यायालय ने चंद्रवीर को दोषी मानते हुए 20 हजार जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है।
शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि यह जघन्य अपराध है। इसने संपत्ति के लालच में ह्त्या करी थी। माननीय न्यायालय के फैसले से समाज में अच्छा सन्देश जाएगा और हर व्यक्ति को इससे सबक मिलेगा।