कानपुर। Kanpur में प्रधान ओर सचिव की जुगलबंदी के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना दम तोड़ती नज़र आ रही है। दरअसल सचिव औऱ प्रधान ने मिलकर पात्र लोगो को अपात्र घोषित कर दिया और अपात्र लोगो को आवास आवंटित कर दिए। मुफ़लिस गरीब लोगों को ऐसा लगा कि पीएम आवास योजना के तहत उन्हें घर मयस्सर हो जाएगा। लेकिन सचिव और प्रधान ने उनके ख्वाबो को चकनाचूर कर दिया। आलम ये है कि तमाम पात्र लोग पीएम आवास की चाह में पानी टपकती मड़इया में ज़िंदगी गुज़ार रहे है।
पीएम आवास के नाम पर प्रधान ओर सचिव दिया धोखा
कानपुर के कल्याणपुर विकास खंड में आने वाली ग्राम पंचायत लोधवाखेड़ा का मजरा है देवनीपुरवा जहां प्रधान और सचिव ने मिलकर पीएम आवास योजना को पलीता लगाने में कोई कसर नही छोड़ी प्रधान ओर सचिव ने मिलकर पात्र लोगो को अपात्र घोषित कर दिया ऒर अपात्र लोगो को आवास आवंटित कर दिया। गांव में रहने वाली शिवकुमारी का कहना है कि ठंड हो या बारिश सारे मौसम छप्पर के टूटे-फूटे झोपड़ी में ही गुजारने पड़ते हैं। शिवकुमारी के पति सियाराम शहर में ईंटगारा के काममें मजदूरी करते हैं। दो छोटे बच्चे हैं जो सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। उनका दुख है कि ईंटगारा करके जैसे तैसे गुजारा हो जाता है पर बरसात में टपकते घर से गृहस्थी बर्बाद हो जाती है।
ग्रामीणों ने लगाए प्रधान और सचिव पर गंभीर आरोप
शिवकुमारी ने बताया कि ग्राम प्रधान हो या सचिव सबसे कहा गया पर कोई सुनने वाला नहीं है। वहीं गांव के रहने वाले विष्णु का हाल भी दयनीय है। विष्णु अपने पत्नी,भाईयों व दो बच्चो के साथ छोटी सी झोपड़ी में रहते हैं। माता-पिता हैं नहीं तो परिवार का सारा बोझ विष्णु के कंधेपर है।वे भी मजदूरी करके गुजारा कर पाते हैं। दो बार ग्राम प्रधान को पीएम आवास के लिये कागज दे चुके हैं पर ग्राम प्रधान और सचिव से लेकर विकास भवन के अधिकारी मौन धारण किये हैं।
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एक बात तो साफ़ है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीबो को आवास मुहैय्या कराने में लगे हुए है। लेकिन देश के ग्रामीण इलाकों में सरकार की आवास योजनाओं का जो हाल है उससे साफ है कि उनके इस अभियान में पलीता लगाया जा रहा है।
रिपोर्ट- दिवाकर श्रीवास्तव