22 जुलाई को इसरो द्वारा लांच किया गया chandrayaan-2 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर लैंड करने ही वाला था कि किसी तकनीकी खराबी की वजह से इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया और विक्रम की चंद्रमा की सतह पर हार्ड लैंडिंग हुई। जिसके बाद इसरो ने लगातार 14 दिनों तक विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश की पर संपर्क हो नहीं पाया। फिर भी यह मिशन 98% सफल रहा। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने बताया कि विक्रम लैंडर से भले ही हमारा संपर्क टूट गया हो पर आर्बिटर चंद्रमा के चक्कर लगाता रहेगा और हमें आवश्यक जानकारी मिलती रहेगी। अब इसरो ने ऑर्बिटर द्वारा भेजी गई चंद्रमा की कुछ तस्वीरों को जारी किया है।
चमक उठी चांद की सतह
chandrayaan-2 के ऑर्बिटर के आठ पेलोड ने चंद्रमा की सूचनाओं को भेजा है। यह ऑर्बिटर चंद्रमा की सतह पर जो आवेशित कण है, उनका पता लगा रहा है। साथ ही चांद की मिट्टी में मौजूद कणों का भी पता लगा रहा है यह तब संभव हो पाया है, जब सूर्य की रोशनी की वजह से चंद्रमा की सतह चमक उठी। बता दें कि चांद पर शनिवार से दिन की शुरुआत हो रही है और अगले 14 दिनों तक चंद्रमा पर दिन रहेगा।
वैज्ञानिकों ने बताया, विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सही से क्यों नहीं उतर पाया
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Have a look at the images taken by #Chandrayaan2's Orbiter High Resolution Camera (OHRC).
For more images please visit https://t.co/YBjRO1kTcL pic.twitter.com/K4INnWKbaM— ISRO (@isro) October 4, 2019
इसरो फिर करेगा विक्रम से संपर्क
चंद्रमा की सतह पर शनिवार से दिन की शुरुआत हो रही है। चंदवा पर 14 दिनों तक सूर्य की रोशनी रहेगी और यह विक्रम लैंडर के लिए बहुत अच्छा है। क्योंकि विक्रम में लगे सोलर पैनल की वजह से विक्रम लैंडर में जान आ सकते हैं और वह काम शुरू कर सकता है। इसरो के वैज्ञानिक ने बताया कि विक्रम को हार्ड लैंडिंग की वजह से कुछ नुकसान हुआ होगा और चंद्रमा पर ठंड ज्यादा है । इसकी वजह से भी कुछ नुकसान और हुआ होगा जो कि एक चिंता का विषय है। वही अमेरिकी स्पेस एजेंसी इसरो का कहना है कि विक्रम से अभी तक कोई आंकड़ा नहीं मिला है।