(इसरो) इंडियन स्पेस रिसर्च एंड ऑर्गेनाइजेशन ने आज 17 जनवरी शुक्रवार को जी-सैट 30 को सफलतापूर्वक यूरोपीयन स्पेस एजेंसी एरियनस्पेस के फ्रेंच के गोहाना में एरियन 5 व्हीकल से लॉन्च कर दिया है। यह एक संचार सैटलाइट है, जो अंतरिक्ष में अगले 15 सालों तक काम करेगा। बता दे GSAT-30 , IN-SAT 4 की जगह लेगा। क्योंकि IN-SAT 4A का समय पूरा हो चूका है और उसमे उपयोग की गयी टेक्नोलॉजी भी आज से एक दशक पुरानी है और इस बीच विज्ञानं ने बहुत तरक्की की है।
Indian Space Research Organisation: India’s telecommunication satellite GSAT-30 was successfully launched into a Geosynchronous Transfer Orbit (GTO) from Kourou launch base in French Guiana by Ariane-5 VA-251, today. (Image Courtesy: Arianespace) pic.twitter.com/PVEfVCPMpK
— ANI (@ANI) January 16, 2020
GSAT-30 का काम
इस सैटलाइट की मदद से Internet सेवा अभी से बेहतर होगी।
मौसम सम्बन्धी जानकारी।
रेस्क्यू ऑपरेशन करने में मदद।
टेलीविज़न प्रसारण बेहतर।
आपदाओं का पूर्वानुमान।
इसी तरह की और भी खूबियां इस सैटलाइट में है। GSAT-30 को जियो इलिप्टिकल कक्षा में स्थापित किया गया है। ऊर्जा के लिए इसमें सोलर पैनल को लगाया गया है।
ISRO ने संपर्क टूटने के तीन दिन बाद ही विक्रम लैंडर को खोज लिया था
GSAT-30 से शुरू होगी भारत में 5 G सेवा
माना जा रहा है की GSAT-30 के अंतरिक्ष में स्थापित होने के साथ ही भारत में 5 G Internt सेवा शुरू हो जाएगी। इसके अलावा अभी तक जिन जगहों पर इंटरनेट नहीं था वहां भी Internt को पहुंचाया जा सकेगा और संचार व्यवस्था तो बेहतर होगी ही। मालूम हो की इस समय अंतरिक्ष में जीसैट सीरीज के 14 सैटलाइट काम कर रहे है। जिनसे भारत में संचार और इंटरनेट सेवा चल रही है।