गँवा दी सीरीज
लगातार दो हार। दोनों मैचों में विरोधी टीम को 300 से कम स्कोर पर रोकने में नाकामयाब। और शीर्ष बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन।
भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरा एक बुरे सपने की तरह साबित होता दिख रहा है।
पहले रोहित शर्मा की फिटनेस का विवाद उसके बाद मेजबान टीम से मिली दो लगातार हार। इस सब को लेकर विराट कोहली के नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे हैं।
गेंदबाजों की नाकामी
पहले दो मैचों में मेजबान ऑट्रेलिया ने तीन सौ के ऊपर का स्कोर बनाया। पहले दोनों मुकाबलों में भारतीय गेंदबाज किसी भी तरह का कोई भी प्रभाव छोड़ने में असफ़ल रहे। बुमराह, सैनी, और शमी की तिकड़ी बुरी तरह से नाकामयाब साबित हुई है।
जबकि बीते आईपीएल में तीनों ने गेंद के साथ शानदार प्रदर्शन किया था। मुमकिन है कि अगले मुक़ाबले में टीम प्रबन्धन की तरफ से किसी नए चहरे को मौका मिले। लेकिन इस बदलाव से कोई फ़ायदा होने वाला नहीं है क्यूँकि भारतीय टीम पहले ही सीरीज़ गवाँ चुकी है। यजुवेंद्र चहल और रवीन्द्र जडेजा भी अभी तक कुछ ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए।
बल्लेबाज़ों की विफलता
गेंदबाजों को अकेले पूरी पूरी टीम की नाकामयाबी का ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। बल्लेबाज़ों ने भी अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करने में असफल रहे।
पहले दोनों मुकाबले में ओपनिंग करने आए मयंक अग्रवाल कुछ ख़ास नहीं कर सके। दोनों बार अच्छी शुरुआत को वो बड़े स्कोर में तब्दील करने में नाकाम रहे।
शिखर धवन ने पहले मुक़ाबले में अच्छी बल्लेबाज़ी जरूर की थी लेकिन टीम को जीत दिलाने में असफल रहे थे। श्रेयस अय्यर ने भी दोनों मुकाबले में अपने प्रशंसकों को निराश किया है। विराट कोहली ने दूसरे मैच में जरूर जुझारूपन दिखाया लेकिन टीम को मैच नहीं जिता पाए। आप का प्रदर्शन कितना भी बेहतरीन हो लेकिन वो वर्थ तभी होगा जब आप की टीम मैच जीतती है। अन्यथा व्यर्थ है।
के. एल. राहुल हों या हार्दिक पांड्या इन दोनों ने भी एक एक मुक़ाबलों में अच्छी बल्लेबाज़ी जरूर की लेकिन इनकी पारियाँ टीम को मैच जीतने के लिए नाकाफी थीं।
भारतीय टीम की बैक टू बैक दो हार ने क्रिकेट प्रशंसकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँचा दिया है। पूरे देश भर के क्रिकेट प्रेमियों में भारतीय टीम के इस प्रदर्शन से रोष व्याप्त है। हर क्रिकेट प्रेमी अपने अपने तरह से हार की समीक्षा कर रहा है। किसी की नज़र में गेंदबाज विलेन हैं तो किसी के अनुसार बल्लेबाज़।
एक्सपर्ट्स की राय
बात करें यदि क्रिकेट एक्सपर्ट्स की तो भारतीय टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन पर पूर्व क्रिकेटर्स एवं एक्सपर्ट्स की मुख़्तलिफ़ राय है।
लेकिन सारे एक्सपर्ट्स की विवेचना में जो एक बात कॉमन रही वो है टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल। गौर करने वाली बात है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुनी गयी भारतीय टीम में रोहित शर्मा का भी नाम था। लेकिन रोहित टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया नहीं पहुंचे। इस बाबत जब विराट कोहली से प्रश्न पूंछा गया तो विराट ने जो उत्तर दिया उससे इस विवाद को और हवा मिल गई कि कोहली और रोहित के बीच सब कुछ ठीक नहीं है।
दरअसल कोहली ने रोहित शर्मा की फिटनेस से जुड़े सवाल पर मीडिया से कहा था कि उनके पास रोहित की फिटनेस को लेकर कोई अपडेट नहीं है। कोहली के इस बयान के बाद BCCI के पदाधिकारी और चयनकर्ताओं को भी सवालों के घेरे में ला खड़ा कर दिया।
एक कप्तान को अपनी टीम के खिलाडियों से जुड़ी सारी ख़बर होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो इसे कप्तान और क्रिकेट बोर्ड के बीच की संवादहीनता कहा जाएगा। और इस संवादहीनता के लिए क्रिकेट बोर्ड और कप्तान दोनों बराबर ज़िम्मेदार हैं।
कोहली-शर्मा विवाद
लेकिन इस संवादहीनता से खेल का नुकसान हो रहा। इससे खिलाडियों का मनोबल प्रभावित होता है और इसका असर भारतीय टीम के प्रदर्शन पर भी दिखाई दे रहा है। इस स्तिथि में खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक रूप से ख़ुद को ड्रेसिंग रूम में एडजस्ट करने में समस्या होती है। और इससे उनका प्रदर्शन प्रभावित होता है।
इससे पहले ऑस्ट्रलिया दौरे के लिए चुनी गई भारतीय टीम में खिलाडियों के चयन को लेकर भी चयनकर्ताओं को क्रिकेट प्रेमियों की नाराजगी का सामना करना पड़ा था क्रिकेट प्रेमियों ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन करने वाले मुंबई इंडियन्स के बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव का टीम इंडिया में चयन नहीं होने पर चयनकर्ताओं एवं चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये थे। दबी जुबान ऐसा कहा जा रहा था कि कप्तान विराट कोहली की नापसंदगी के कारण सूर्य कुमार यादव को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए चुनी गयी टीम से बाहर रखा गया।
वैसे भारतीय टीम में आपसी विवाद का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। एक बार महेंद्र सिंह धोनी ने अपने और वीरेंद्र सहवाग के बीच सब कुछ ठीक दिखाने के लिए पूरी टीम के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। धोनी का नाम कई बार साथी खिलाडियों से विवाद के मामले में सामने आ चुका है।