COVID-19 अभी तक 180 से ज्यादा देशों में पहुंच चुका है और चार लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं व 18000 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इस महामारी को लेकर चीन पर शुरुआत से ही आरोप लग रहे हैं कि चीन एक जैविक हथियार बना रहा था। इसी को लेकर अमेरिका की एक अदालत में एक व्यक्ति ने 200 अरब अमेरिकी डॉलर का मुकदमा दर्ज कराया है।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि COVID-19 ने अमेरिका के लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। यह वायरस चीन की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी जो कि वुहान शहर में स्थित है। वहां पर जैविक हथियार के रूप में तैयार किया जा रहा था और लापरवाही की वजह से यह रिलीज हो गया। चीनी सेंचरी खटिया के रूप में इस्तेमाल करना चाहता था जो कि अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत हुए समझौतों का उल्लंघन है।
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याचिकाकर्ता ने कहां की ‘चीन ने COVID-19 को तैयार किया है। यह बहुत खतरनाक है, इस वायरस से किसी भी देश की आबादी को खत्म किया जा सकता है। यह बहुत खतरनाक हथियार है।’ इससे पहले भी एक व्यक्ति ने बिहार में इस वायरस को लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। बता दें कोरोना वायरस के पैदा होने के पीछे दो कारणों को बताया जा रहा था। पहला कि यह चमगादड़ और सांपों से इंसानों में आया हैं और दूसरा कि चीन इसे जैविक हथियार बनाना चाहता था और यह गलती से लैब से लीक हो गया। चीन अमेरिका पर आरोप लगा रहा है और अमेरिका चीन पर।