अपने वीडियो संदेश में पीएम ने कहीं ये खास बातें, 5 अप्रैल को रात 9 बजे…

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 11 मिनट का एक वीडियो संदेश देशवासियों के साथ साझा किया। उसमें उन्होंने कहा कि लॉक डाउन को आज 9 दिन हो गए हैं। देशवासियों ने अनुशासन और सेवा भाव का जो परिचय दिया है, वह अभूतपूर्व है। शासन प्रशासन और जनता ने इस स्थिति को संभालने का भरपूर प्रयास किया है।

22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन जिस तरह आपने कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों का धन्यवाद किया वह आज अन्य देशों के लिए मिसाल बन गया है। आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं। इससे पता चलता है कि कोरोनावायरस जैसी महामारी के खिलाफ लड़ाई में हम सब एक हैं।

पीएम ने आगे कहा कि कभी-कभी मन में ख्याल आता होगा कि मैं अकेला क्या करूंगा? इतनी बड़ी लड़ाई कैसे लडूंगा? कितने दिन ऐसे घर में काटने पड़ेंगे? लॉकडाउन के समय हम अपने-अपने घर पर हैं पर याद रखिए हम अकेले नहीं हैं। 130 करोड़ देशवासियों की शक्ति हर व्यक्ति के साथ हैं।

जनता ईश्वर का रूप

हमारे यहां माना जाता है कि जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है। इसलिए जब देश कितनी बढ़ाई लड़ाई लड़ रहा हो तो जंजं आरोपी महाशक्ति का बार-बार साक्षात्कार करते रहना चाहिए। यह साक्षात्कार हमें मनोबल देता है, लक्ष्य की प्राप्ति करने के लिए शक्ति देता है। इस कोरोनावायरस के वजह से जो अंधकार और अनिश्चितता पैदा हुई है, उसे समाप्त कर हमें प्रकाश और निश्चितता की तरफ जाना चाहिए। कोरोना को हराने के लिए प्रकाश को हमें चारों ओर फैलाना होगा।

5 अप्रैल रात 9 बजे 9 मिनट

इसलिए इस रविवार 5 अप्रैल को रात 9:00 बजे 9 मिनट तक अपने घरों के सभी लाइट बंद कर दें और घर के दरवाजे व बालकनी पर खड़े होकर मोमबत्ती दीया टॉर्च मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। जब घर के सभी लाइटें बंद होंगी और दरवाजे ,बालकनी पर सभी प्रकाश चारों तरफ फैलायेंगे तो उससे एक ही संदेश निकलेगा की देश के 130 करोड़ लोग इस लड़ाई में एक साथ हैं, कोई अकेला नहीं है।

हमारे उत्साह और स्प्रिट से बड़ी कोई ताकत नहीं

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि इस दौरान हमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना है। किसी को भी घरों से बाहर निकलकर घर के बाहर या किसी स्थान पर एकत्रित नहीं होना है। Social distancing ही coronavirus को हराने का रामबाण औषधि है।

उत्साहो बलवान् आर्य, न अस्ति उत्साह परम् बलम्।

स उत्साहस्य लोकेषु, न किंचित् अपि दुर्लभम्॥

यानि, हमारे उत्साह, हमारी spirit से बड़ी force दुनिया में कोई दूसरी नहीं है।

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