कुछ दिनों पहले नेपाल ने एक नक्शा जारी किया था। जिसमें भारत के लिम्पियाधुरा, लिपुलेख, कालापानी भू भागो को नेपाल ने अपना बताया था। इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इसके बाद दोनों देशों के संबंधों में दरार पड़ गई थी। लेकिन अब नेपाल ने अपने उस नक्शे को वापस लेने का फैसला किया है।
दरअसल आज नेपाल अपनी संसद में संविधान संशोधन का प्रस्ताव रखकर अपने उस नक्शे को संविधान से जोड़ने वाला था लेकिन नेपाल सरकार ने आज ही संसद की कार्यसूची से संविधान संशोधन की कार्यवाही को हटा दिया।
आज सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों दलों की अहम बैठक हुई। जिसमें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई और आपसी सहमति से नक्शे को संविधान से ना जोड़ने की बात हुई और भारत से बातचीत करके उसे सुलझाने को कहा गया। मालूम हो इससे पहले भारत ने नेपाल से बातचीत करने के लिए माहौल बनाने की मांग की थी। जिस पर नेपाल ने अमल किया है।
इससे पहले जब 8 मई को भारत में लिपुलेख से होकर गुजरने वाली कैलाश मानसरोवर लिंक रोड का उद्घाटन किया था तो उस पर नेपाल ने आपत्ति जताई थी और नेपाल ने अपना एक नया राजनीतिक नक्शा पेश कर भारत के 3 भूखंडों को अपना बताया। जिस पर भारत ने अपनी आपत्ति जताई। लेकिन नेपाल अपनी जिद पर अड़ा रहा पर आज नेपाल ने अहम फैसला लिया। जिसकी वजह से अब दोनों देश के बीच तनाव कम हो सकता है।