आज सोमवार को भारत-जापान संवाद सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से बुद्ध के संदेशों की रोशनी भारत से दुनिया के कई हिस्सों में फैली। हालांकि ये रोशनी स्थिर नहीं रही, सदियों से हर नए स्थान जहां बुद्ध के विचार पहुंचे वो विकसित होते रहे।
I would like to propose the creation of a library of all such Buddhist literature and scriptures. We will be happy to create such a facility in India and will provide appropriate resources for it: PM Narendra Modi at 6th Indo-Japan Samwad Conference https://t.co/fH7tdPo8ii pic.twitter.com/nI0uc6N8FX
— ANI (@ANI) December 21, 2020
• आज मैं पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के एक पुस्तकालय का निर्माण प्रस्तावित करना चाहूंगा। हमें भारत में इस तरह की फैसिलिटी बनाने में खुशी होगी और हम इसके लिए उपयुक्त संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
• यह पुस्तकालय अनुसंधान और संवाद के लिए एक मंच भी होगा, मनुष्य के बीच एक सच्चा सामवेद, समाजों के बीच और मनुष्य और प्रकृति के बीच। इसके अनुसंधान जनादेश में यह जांचना भी शामिल होगा कि बौद्ध संदेश समकालीन चुनौतियों के खिलाफ हमारे आधुनिक दुनिया को कैसे निर्देशित कर सकते हैं।
• बौद्ध साहित्य और दर्शन का महान खजाना कई देशों और भाषाओं में विभिन्न मठों में पाया जा सकता है। लेखन का यह निकाय मानव जाति का खजाना है।
• सामवेद ऐसा होना चाहिए जो हमारे ग्रह पर सकारात्मकता, एकता और करुणा की भावना फैलाए। वह भी ऐसे समय में जब हमें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। यह सम्वेद मानव इतिहास के एक महत्वपूर्ण क्षण में हो रहा है। हमारे कार्य आज आने वाले समय में प्रवचन को आकार देंगे।