भारत अंग्रेजो की देन नहीं है: योगी

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ बीते दिन दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुचे जहाँ देश के मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम की शुरुआत की वही कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि जो समाज अपने अतीत के गौरवशाली क्षणों को भूल जाता है। उसके सामने त्रिशंकु जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, ‘वर्तमान भारत अंग्रेजों की देन नहीं है। आदि शंकराचार्य ने चार पीठों की स्थापना कर देश को एक सूत्र में पिरोया। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस परंपरा को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य और स्कंदगुप्त के आदर्शों की स्थापना भी कर रहे हैं।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों को कश्मीर में 370 के बारे में बताते हुए। धारा 370 समाप्त होना अपने आप में देश के अंदर आजादी के बाद का सबसे साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1950 में भारत ने अपना संविधान अंगीकार किया था, 1952 में यह अनुच्छेद जबरन संविधान में जोड़ा गया था। प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सरदार पटेल की उस उक्ति को सार्थक किया है। ये दोनों एक भारत-श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार कर रहे हैं।

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भारत प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक रूप से जुड़ा हुआ है। देश में मौजूद तीर्थ सिर्फ उपासना के केंद्र नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मक के भी केंद्र हैं। जो समाज अपने अतीत के गौरवशाली पलों को भूल जाता है, उसके सामने त्रिशंकु जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत दो हजार वर्षों से भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। भारत के लोग अपने वास्तविक इतिहास को न जान पाए इसलिए साजिश के तहत ऐसा किया गया है। चंद्रगुप्त विक्रमादित्य से लेकर स्कंदगुप्त तक भारत की गौरवशाली परम्परा रही है। इस कालखंड में भारत में सामरिक, आर्थिक, राजनीतिक, ज्ञान-विज्ञान के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हुआ था।

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