मानसून सत्र शुरू हो चुका है और इस बार देश के सबसे बड़े मुद्दों में से एक भारत चीन सीमा विवाद पर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जानकारी दे रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा मैं संसद में भारत और चीन के बीच चल रहे विवाद के बारे में बताना चाहता हूं। अभी तक दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझा नहीं है। दोनों देशों के बीच खीची अधिकारी रेखा को चीन नहीं मानता है।
1962-1963 में भारत की हजारों किलोमीटर जमीन चीन ने की कब्जा
रक्षा मंत्री ने चीन और पाकिस्तान द्वारा कब्जा की गई भारत की जमीन को लेकर भी संसद में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जैसा कि सदन जानता है कि चीन लद्दाख में भारत की लगभग 38000 किलो मीटर स्क्वायर जमीन पर कब्जा किए हुए हैं। इसके अलावा 1963 में एक तथाकथित बाउंड्री एग्रीमेंट के तहत पाकिस्तान ने पीओके की 5880 किलो मीटर स्क्वायर जमीन अवैध रूप से चीन को सौंप दी।
इसके अलावा चाइना अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे हुए 90000 किलोमीटर भारतीय क्षेत्र को भी अपना ही बताता है। भारत और चीन दोनों ने माना है सीमा का मुद्दा एक जटिल प्रश्न है। इसके समाधान के लिए धैर्य की आवश्यकता है तथा इसका समाधान शांतिपूर्वक निकाला जाना चाहिए।