Hyperloop में पहली बार कल मानव को बैठा कर परीक्षण किया गया और यह सफल भी रहा। अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर लंबे हाइपरलूप में 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर इस परीक्षण को किया गया।
क्या है Hyperloop
दरअसल ये वेक्यूम ट्यूब पर आधारित तकनीक है। जो चुंबकीय शक्ति से काम करती हैं। इसमें एक बड़े ट्यूब में ट्रेन को तेज गति से गुजारा जाता है। इसकी खास बात यह है कि यह पोड्स सतह से ऊपर हवा में गति करते हैं। ऐसा चुंबकीय क्षेत्र की वजह से होता है।
हवा में रहने की वजह से घर्षण नहीं होता है जिससे ये अत्यधिक तेज गति आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। हाइपरलूप (Hyperloop) में ट्रेन को 600 मील (966 km/h) प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकता है।
इस पर कई बड़ी-बड़ी कंपनियां काम कर रही हैं और यह प्रोजेक्ट 2025 तक पूरा होने का अनुमान है। अमेरिका में जिस हाइपर ट्यूब पर परीक्षण किया गया है। उसकी लंबाई अभी मात्र 500 मीटर है। अधिकतम गति के परीक्षण के लिए कम से कम 100 किलोमीटर लंबी Hyperloop की जरूरत होगी। जिसे बनाने में समय और पैसा दोनों काफी लगेंगे।
अगर भारत की बात करें तो भारत में हाइपरलूप तकनीक के लिए तेजी से काम हो रहा है। भारत में आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में हाइपरलूप के लिए ट्रैक निर्माण किया जा रहा है।