उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस (COVID-19) के खतरे को ध्यान में रखते हुए राज्य में हर एक मज़दूर को 1000 रूपए की सहायता देने का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 15 लाख दिहाड़ी मज़दूरों को तथा 20.37 लाख निर्माण श्रमिकों को उनकी रोज़ की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक मज़दूर को एक हज़ार रूपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 15 लाख दिहाड़ी मज़दूर प्रदेश भर में पंजीकृत हैं जिनको 1000 रूपए की सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि इसके अलावा रिक्शा चालक, रेहड़ी वालों, खोमचे वालों, निर्माण कार्य करने वालों तथा फेरी वालों को मिलाकर 20.37 लाख मज़दूरों को चिन्हित किया गया है और उनको भी 1000 रूपए की मदद दी जाएगी। यह 1000 रूपए की सहायता सीधे मज़दूरों के खाते में डाली जाएगी। खोमचे वालों को खाद्यान उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री का कहना है कि करीब 1.65 करोड़ परिवारों को अनाज दिया जाएगा और बीपीएल परिवारों को मुफ्त में 15 किलो चावल व 20 किलों गेंहू उपलब्ध कराया जाएगा। बाजार में किसी भी चीज़ कि किल्लत नहीं है और सरकार के पास सभी आवश्यक सामान मौजूद है इसलिए जमाखोरी करने की कोई आवश्यकता नहीं है। पीडीएस दुकानों के माध्यम से अनाज उपलब्ध कराया जायगा और अप्रैल व मई की पेंशन भी अप्रैल में ही दी जाएगी।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील किया कि ‘जनता कर्फ्यू’ के दौरान रविवार के दिन बाज़ार में फ़ालतू ना घूमे। रविवार को जनता कर्फ्यू के दौरान सभी मेट्रो तथा बस सेवाएं बंद रहेंगी। किसी को घबराने की ज़रूरत नहीं है, दवाएं तथा खाद्यान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने बताया की 22 मार्च को सुबह 10:00 बजे से ट्रेन नहीं चलेंगी और अगर ज़रूरी ना हो तो सफर ना करें।
सभी मेडिकल कालेजों में आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं और प्रदेश में अब तक 23 मरीज़ कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं जिनमे से 9 मरीज़ ठीक हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में मल्टीप्लेक्स, बार, स्कूल आदि को बंद कर दिया गया है और हर जगह सतर्कता बरती जा रही है। उन्होंने कुछ कैबिनेट मंत्रियों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका जताते हुए निर्देश जारी किया है कि वह जनता दरबार में ना जाएं और स्वयं को आइसोलेशन में रखे।