गोआश्रयों को मिलेगी 3% सेस, पशुपालन विभाग को भी मिलेगा हिस्सा

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 जनवरी को गुरुवार के दिन राजधानी लखनऊ के लोकभवन में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद उत्तर प्रदेश के संचालक परिषद की 157वीं बैठक किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गोआश्रयों को दी जाने 2% सेस को अब बढाकर 3% कर दिया जाए क्युकी मंडियों की आमदनी पहले से काफी बढ़ गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि इसका कुछ भाग पशुपालन विभाग को भी दिया जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दिया जाने वाला यह पैसा उन्हीं संस्थाओं को मिलें जो सेवा भाव से गोआश्रय चला रहे हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगाह करते हुए कहा कि खाड़ी के देशों में जो तनाव चल रहा है जोकि वह कभी भी बढ़ सकता है और इसका फ़ायदा उठाकर कुछ लोग आवश्यक सामग्रियों की कालाबाजारी, भंडारण और तस्करी का कार्य भी कर सकते हैं। यह लोग सामग्रियों की कमी बताकर इनकी कीमतें कभी भी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर ख़ास तौर पर नज़रें बनाए रखे और यदि आवश्यकता हो तो इनपर सख्त कार्यवाई भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के साथ ही बुंदेलखंड और पश्चिमी उप्र में भी जैविक उत्पादों के लिए एक-एक प्रयोगशाला का प्रबंध करें। उन्होंने बताया कि हर जिले में उपलब्ध कृषि विज्ञान केंद्रों में ऐसी ही लैब बन जाए तो बेहतर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रदेश में जो 500 हाट पैठ बनवाने के लिए कहा है और उनको संबंधित ग्राम पंचायतों की सहमति से बनवाया जाए। साथ ही हाट पैठ की जवाबदेही के लिए भी पंचायतों को ज़िम्मेदार बनाया जाए। इनके रखरखाव के लिए पंचायतें कम से कम शुल्क लें।

लगातार हो रहे प्रदर्शन के मद्देनज़र मुख्यमंत्री ने बुलाई बैठक

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बुंदेलखंड पैकेज के तहत बनाई गई मंडियों की सुविधाएं बढ़ाकर व्यापारियों को शिफ्ट कराने का निर्देश दिया है। दरअसल यह मंडियां अभी तक शिफ्ट नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दें और इसके लिए जो भी शर्तें हों वह बिल्कुल खुले तौर पर स्पष्ट हों ताकि उनका कोई भी अपने फायदे के हिसाब से इस्तेमाल का कर पाए। इसके अलावा इस बैठक में कई अन्य प्रस्ताव भी पास किये गए। बैठक के दौरान विभाग के राज्य मंत्री श्रीराम सोनकर के अलावा मुख्य सचिव, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विशेष सचिव तथा निदेशक भी उपस्थित रहे।

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