गिरिराज फिर गरजे कहा बढ़ती जनसंख्या पर लगाना होगा लगाम

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एक कार्यक्रम के दौरान कहा की देश में जनसंख्या पर रोकथाम लगाने को लेकर एकबार फिर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह गरजे। उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती आबादी सेंकेंड स्टेज कैंसर है और इसे काबू करने के लिए कठोर कानून बनाए जाने की जरूरत है। गिरिराज सिंह बक्सर जाने के दौरान आरा में कुछ देर के लिए ठहरे और सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया।

जनसंख्या समस्या के प्रति जागरूक होनी की है आवश्कता

गिरिराज सिंह ने कहा कि इसमें सभी वर्ग, समुदाय व धर्म के बुद्धिजीवियों को पहल करते हुए जनसंख्या समस्या को लेकर जागरूकता लाना चाहिए। प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी संसद के पटल पर जनसंख्या कानून बिल को लाया जाए। जिसमें यह प्रावधान निश्चित रुप से हो जो दंपत्ति दो बच्चे से ज्यादा बच्चे को जन्म देते है उनके कई अधिकार को कम किया जाना चाहिए।

बढ़ती जनसंख्या पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती है

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है बढ़ती जनसंख्या पूरी दुनिया के लिए चुनौती है। खाद्यान्न की कमी भी इसका एक बड़ा प्रभाव बनकर आनेवाले दिनों में सामने आएगा। बिहार में जनसंख्या नियंत्रण के जो काम हुए हैं, उनमें साम्प्रदायिकता की बू नहीं है। जाति-धर्म का विद्वेष नहीं रखा गया। अगर इसे काबू में नहीं किया गया तो यह चौथे स्टेज का कैंसर बन जाएगा जो लाइलाज होगा। उन्होंने कहा कि 2023 तक अगर तेजी से बढ़ रही जनसंख्या पर लगाम नहीं लगायी गयी तो बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है । उन्होंने कहा कि आने वाले समय में पानी की ऐसी समस्या पैदा होगी कि लोग पानी के लिए तरसने लगेंगे।

जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून बनाने की है जरुरत

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को ले अब सख्त कानून बनाने की जरूरत है। जो इसका पालन नहीं करते उनके लिए बिना किसी धर्म के आधार के मताधिकार निरस्त होने और आर्थिक लाभ नहीं मिलने जैसी सख्त सजाओं के प्रावधान होने चाहिए। गिरिराज सिंह ने कहा कि जो लोग आबादी नियंत्रण के खिलाफ हैं, वह धर्म की आड़ में आबादी बढ़ाने को लेकर सक्रिय हैं।गिरिराज सिंह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में बढ़ती आबादी को काबू में करने की बात पर जोर दिया था। उन्होंने कहा कि सख्त कानून बनाने के लिए आंदोलन की जरूरत है।

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