गणेश जी की आरती – Arti Sri Ganesh ji ki

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श्री गणेश जी देवी देवताओ में सबसे प्रिय है और इनकी पूजा के बिना कोई भी शुभ काम शुरू नहीं किया जाता। पूजा में सबसे अहम् होती है आरती जिसके बिना पूजा अधूरी रह जाती है। गणेश जी की आरती से पहले शंख बजाये और आरती समाप्त होने पर भी शंख बजाये।

Ganesh Ji Ki Arti

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे, मूस की सवारी
माथे पर तिलक सोहे, मूस की सवारी…2
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा
लड्डुवन का भोग लगे संत करे सेवा
लड्डुवन का भोग लगे संत करे सेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया
अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया…2
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
लड्डुवन का भोग लगे संत करे सेवा
लड्डुवन का भोग लगे संत करे सेवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

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