पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने (Kargil War) कारगिल युद्ध को लेकर बड़ा खुलासा किया है। पाकिस्तान पूर्व सीएम ने तत्कालीन सेना प्रमुख पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
• पाकिस्तान के सैनिक दे रहे थे दुहाई
• पाक सैनिकों के पास नहीं थे हथियार
• तत्कालीन सेना अध्यक्ष पर गंभीर आरोप
• निजी स्वार्थ के लिए सेना का इस्तमाल किया
पाक पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि वो लम्हा मेरे लिए बहुत ही तकलीफ देने वाला था। जब मुझे पता चला कि हमारे बहादुर सिपाही भूखे-प्यासे पहाड़ों की चोटियों पर युद्ध कर रहे हैं और दुहाई दे रहे हैं कि खाना ना सही कम से कम हथियार तो भिजवाएं।
जिन सैनिकों को युद्ध में भेजा गया था और वे जानों के नजराने देते रहे। लेकिन देश और कौम को इस युद्ध से क्या हासिल हुआ। उल्टा दुनिया भर में देश की बदनामी हुई। इसके पीछे जो जर्नल थे, उन्होंने अपने कार्यों को छुपाने और सजा से बचने के लिए 12 अक्टूबर 1999 को बगावत की और मार्शल लॉ घोषित कर दिया। तत्कालीन पाकिस्तान सेना अध्यक्ष परवेज मुशर्रफ और उनके कुछ साथियों ने अपने फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल किया।
क्या हुआ था 21 साल पहले
21 साल पहले मई 1999 में पाकिस्तान सैनिकों ने Kargil में घुसकर चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की थी। पाकिस्तानी सैनिक लेह को कश्मीर से जोड़ने वाले हाईवे को अपने कब्जे में लेना चाहते थे। यदि ऐसा हो जाता तो यह क्षेत्र पूरी तरह से भारत से कट जाता।
लेकिन जांबाज भारतीय सैनिकों ने डटकर पाकिस्तान के सैनिकों का सामना किया और पाक द्वारा कब्जा किए गए अपने क्षेत्र को वापस ले लिया। यह युद्ध 60 दिनों तक चला था और इसमें भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे। जबकि पाकिस्तान के 3000 सैनिकों को भारतीय सेना ने मार गिराया था।