पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का आज सोमवार को इलाज के दौरान निधन हो गया। बीते कई दिनों से उनका इलाज आर एंड आर अस्पताल में चल रहा था। आज दोपहर में ही अस्पताल की ओर से उनकी हेल्थ को लेकर अपडेट दिया गया था और अब उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ये जानकारी दी की अब उनके पिता प्रणब मुखर्जी नहीं रहे।
With a Heavy Heart , this is to inform you that my father Shri #PranabMukherjee has just passed away inspite of the best efforts of Doctors of RR Hospital & prayers ,duas & prarthanas from people throughout India !
I thank all of You ?— Abhijit Mukherjee (@ABHIJIT_LS) August 31, 2020
इस खबर के आने के बाद से पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री,गाँधी परिवार, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों समेत सभी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी।
क्यों हुए थे प्रणब मुखर्जी भर्ती
प्रणब मुखर्जी ने 9 अगस्त को कोरोना जाँच कराई थी। इसकी रिपोर्ट आने पर पता चला की वे कोरोना पॉजिटिव है। जिसके बाद वे दिल्ली के रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में भर्ती हो गए थे। इसके बाद हुई अन्य जांचों में पता चला की उनके मस्तिष्क में थक्का जमा हुआ है। जिसे सर्जरी कर निकाला गया।
अब स्पेशल मेडिकल टीम पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का पूरा ध्यान रख रही थी। इसके बाद उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ। लेकिन बीते 10 दिनों से उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं आया। जाँच में पता चला की उनके फेफड़े में इंफेक्शन है। प्रणब मुखर्जी को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था और वो कोमा में चले गए।
मैन इन वेटिंग क्यों कहा जाता था प्रणब मुखर्जी को ?
प्रणब मुखर्जी का एक सपना था जो पूरा नहीं हो सका और वो था प्रधानमंत्री बनने का। UPA सरकार में प्रणब मुखर्जी पीएम पद के लिए मजबूत दावेदार थे। लेकिन कहते है न जो किस्मत में लिखा होता है वही मिलता है। प्रणब मुखर्जी की किस्मत में प्रधानमंत्री बनना नहीं बल्कि राष्ट्रपति बनना लिखा था। उन्होंने काफी इंतजार किया था पीएम बनने का। इस लिए उन्हें मैन इन वेटिंग कहा जाता था।