फिल्म की तरफ खुद को जिंदा साबित करने के लिए ठोकरें खा रहा सख्श, जानें पूरा मामला

himself alive on paper
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खबर गोंडा से है जहाँ एक और जिले में कागज’ फिल्म की तरह खुद को जिंदा साबित करने के लिए ठोकरें खा रहे व्यक्ति का मामला सामने आया। जिंदा युवक श्रीराम तिवारी को फिल्मी तर्ज पर विभाग ने मृतक घोषित कर उसकी जमीन को दूसरे के नाम पर वरासत कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला 

अब पीड़ित जिंदा युवक श्रीराम तिवारी करीब 5 साले से खुद को कागज में जिंदा करने के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। लेकिन अधिकारी है कि मानने को तैयार ही नहीं झंझरी ब्लॉक के रामनगर तरहर के रहनेे वाले श्री राम तिवारी बीते 5 सालों से अधिकारियों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

लेकिन अधिकारी उनके जिंदा होने की बात मानने को तैयार ही नहीं मौजूदा ग्राम पंचायत अधिकारी ने खेल करते हुए परिवार रजिस्टर में उनको मुर्दा कर दिया और उन्हीं के आधार पर लेखपाल ने भी उनकी जमीन को दूसरे के नाम प बैनामा कर दिया वहीअब पूरे मामले में जिलाधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।

जिनको आप तस्वीरों में देख रहे हैं वह हाथ में कागजी लिए कोई भूत नहीं जबकि जिंदा एक शख्स है। जो खुद को जिंदा होने का सबूत पेश कर रहा है गोंडा के झंझरी विकासखंड क्षेत्र ग्राम पंचायत रामनगर तरहर के तत्कालीन सचिव और लेखपाल ने वर्ष 2017 में कर दिखाया।

5 सालों से अपने आपको जीवित साबित करने की कोशिश 

तत्कालीन सचिव ने राम तिवारी पुत्र गिरजा दत्त तिवारी को जीवित होते हुए भी ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में मृत दिखाकर मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया। तत्कालीन लेखपाल भी एक कदम आगे निकले और उन्होंने पीड़ित की खतौनी में राम गरीब पुत्र गिरजा दत्त निवासी अज्ञात के नाम पीड़ित की ही सारी भूमि वरासत कर डाली।

जिसके बाद से ही पीड़ित श्री राम तिवारी पुत्र गिरजा दत्त तिवारी पिछले 5 सालों से अपने को जीवित होने का सबूत दे रहा है। राजस्व एवं विकास खंड के अधिकारी पीड़ित की समस्या का समाधान करने के बजाय उल्टे पीड़ित को ही विभागीय गलतियों का कसूरवार ठहरा रहे हैं। और अधिकारी हैं कि उसको जिंदा मानने को तैयार ही नहीं है। जब सिस्टम के आगे  जिंदा व्यक्ति अपने उम्मीदों का दम तोड़ रहा हो तो फिर ऐसे मुर्दा सिस्टम के आगे आखिर कोई कब तक परिक्रमा करते रहेगा।

वही पीड़ित श्री राम तिवारी का कहना है कि मेरे पिता चौबेपुर के निवासी थे रामनगर में हमारी खेती थी। वहां से मेरा मृतक परिवार रजिस्टर बनवाया गया मुझे मृतक दिखाकर मेरी जमीन को रामगरीब के नाम वरासत कर दी गई है। हमारे भाई द्वारा लेखपाल व सिगरेक्टरी से करवाया गया है। मैं जिंदा हूं लेकिन मुझे प्रशासन ने मुर्दा दिखाकर मेरी जमीन दूसरे के नाम वरासत कर दिया।मैंने कई जगह शिकायत किया है लेकिन कहीं सुनावई नहीं हुई है।

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वहीं पूरे मामले पर जिला अधिकारी मार्कण्डेय शाही का कहना है कि ऐसे कई प्रकरण है जिनकी जांच करवाई जा रही है इसमें जो भी कर्मचारी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यह पुराना प्रकरण है और मीडिया में आने के बाद पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच होती गई है।

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