आखिर बरेली को 54 साल बाद मिल ही गया खोया हुआ झुमका

बरेली का झुमका
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साल 1966 में रिलीज हुई फिल्म ”मेरा साया” का गाना ”झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में”… तो आपने खूब सुना होगा। इस गाने को सुनने के बाद लोगों के जेहन में बरेली का नाम बस गया था और इसी गाने की वजह से बरेली काफी फेमस भी हुआ। लेकिन आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि, कई सालों बाद बरेली को उसका गिरा हुआ झुमका सच में वापस मिल गया है। जी हां आपको शायद ये बात कुछ अटपटी लग रही हो कि, फिल्म के उस गाने और हम जो आपको गिरा हुआ झुमका वापस मिलनी की बात कह रहे है उससे क्या संबंध.. तो आइए हम आपके इस कन्फ्यूजन को दूर कर दें..

आपको बता दें, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में नेशनल हाइवे 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है, जहां एक विशाल झुमका लगाया गया है। इस झुमके का लोकार्पण केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने किया। बरेली विकास प्राधिकरण और डॉ. केशव अग्रवाल के सहयोग से ये विशाल झुमका लगाया गया है। दिल्ली से आने वाले लोगों को ये झुमका देखने को मिलेगा और झुमका देखकर लोग एक बार सेल्फी लेने को मजबूर जरूर होंगे।

bareilly gets jhumka
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आपको बता दें, झुमका लगाने की शुरुआत फिल्म ”मेरा साया” के गाने ”झुमका गिरा रे” के सिल्वर जुबली यानी की 50 साल पूरे होने पर की गई थी। बरेली विकास प्राधिकरण की योजना थी कि, ये फ़िल्म अभिनेत्री साधना के लिए श्रद्धांजलि भी होगी लेकिन झुमका लगाने के लिए इसमें लगने वाली लागत की वजह से ये नहीं हो पाया क्योंकि बीडीए के पास इतना पैसा नहीं था जिसके बाद शहर के लोगों से सहयोग मांगा गया। इसके बाद इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के मालिक डॉ. केशव अग्रवाल ने झुमका लगाने की जिम्मेदारी ली। जिसके बाद बीडीए के सहयोग से आखिरकार झुमका लगकर तैयार हो गया। माना जा रहा है इस झुमका तिराहे को देखने के लिए पर्यटक आकर्षित होंगे।

गौरतलब है बरेली पहले से ही कई ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे हुए है। हालांकि महाभारत काल, जैन, बौद्ध, मुगल और रुहेला शासन काल की तमाम समृद्धशाली स्मृतियों को संजोए बरेली अब तक हृदय (हेरिटेज सिटी डेवपलमेंट एंड ऑग्मेंटेशन) योजना में जगह नहीं बना सकी है। इन्हें पहचान दिलाने की जरुरत है।

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