लखीमपुर खीरी :। जहां एक तरफ सरकार किसानों के हित की बात कर रही है लेकिन दूसरी तरफ हालात यह हैं कि किसान अभी भी अपनी दैनिक स्थिति से गुजर रहा है और किसानों को पुरसाहाल पूछने वाला कोई भी नहीं है। कुछ ऐसा ही किसानों की स्थिति का नजारा लखीमपुर खीरी में देखने को मिला है।
पूरा मामला :-
दरअसल लखीमपुर खीरी के पलिया तहसील इलाके के संपूर्णानगर रहने वाले एक किसान ने सिस्टम से परेशान होकर अपने साढे 4 एकड़ खेत मे तैयार खड़ी धान की फसल खेत में ही नष्ट कर दी। सरकार के 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने वाले दावों के बीच किसान बेहाल नजर आ रहा है क्यूंकी ना ही क्रय केंद्र धान खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं और ना ही जिला प्रशासन किसानों के लिए संजीदा नजर आ रहा है।
क्रय केंद्रों पर महज खानापूर्ति
किसान के माने लागत की अपेक्षा मंडी में ₹1000 प्रति कुंटल धान बिक रहा है और क्रय केंद्रों पर महज खानापूर्ति की जा रही है जिसके चलते वह अपनी फसल खेत में ही नष्ट कर रहे हैं। मामले में किसानों की जले पर नमक छिड़क रहे जिला प्रशासन इसे सस्ती लोकप्रियता करार दे रहा है। जिला प्रशासन की मानें तो जिले में 134 क्रय केंद्र खोले गए हैं। जिनमें लगातार किसानों से उनके धान की खरीद की जा रही हैै।