फेसबुक ओनर मार्क ज़ुकरबर्ग ने फेसबुक का नाम बदल कर मेटा रखने की बात कही है जोकि मेटावर्स से प्रभावित है। आपको अगर बताएं की आप अपनी दूसरी पहचान बनाकर बिना अपने घर से निकले कहीं भी जा सकेंगे, कुछ भी कर सकेंगे तो यही मेटावर्स है जिसे मार्क ज़ुकरबर्ग हकीकत में बदलने की कोशिश में है।
दरअसल ये आज से 30 साल पहले 1992 अमेरिकन नॉवेलिस्ट नील स्टीफेंसन ने अपनी साइंस फिक्शन स्नो क्रैश में इसके बारे में बताया था जिसमे हम आप जैसे वीडियो कॉल पर बात करते है वो 2D है पर मेटावर्स से किसी को भी 3D में महसूस कर सकेंगे। फेसबुक से पहले Epic Game company इसे बनाने की पिछले एक साल से कोशिश कर रही है और वो कुछ हद तक कामयाब भी हुई है।
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Company की Fortnite game में पॉप सिंगर अरीना ग्रांडे का स्टेज शो ऑर्गनाइज़ कराया गया था जिसमें लोग अपने गेमिंग अवतार में वहां मौजूद रहे, इसके साथ ही वहां इस शो में शामिल होने के लिए गेम की ही पैसों से ही टिकट दी गई। मेटावर्स की एक खास बात ये भी है की उसे कोई एक कंपनी नहीं चला सकती ये इसे हर कोई हैंडल कर सकेगा। इसमें आप अपने इच्छा से कोई भी रूप लेकर एक वर्चुअल रियलिटी बना सकते है और उसे जी सकेंगे।