भारत सरकार और खुद प्रधानमंत्री अपने बयानों में अक्सर ये दावा करते हैं की उन्होंने पूरे भारतवर्ष को बिजली से नहला दिया है। देश का ऐसा कोई गाँव नहीं जहाँ अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। लेकिन असल में अब प्रधानमंत्री के इन दावों की पोल खुलती दिख रही है।
लखनऊ के नज़दीक पड़ता है रहीमपुरा
दरअसल प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे रहीमाबाद गाँव में लोगों को अभी कित्रिम रोशनी का इंतज़ार है। इस गाँव में 200 घरों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है।
इसे स्थानीय अधिकारीयों की लापरवाही ही कहा जायेगा कि जहाँ एक तरफ़ जहाँ सौभाग्य योजना के तहत देश के सुदूर दुर्गम इलाकों तक बिजली पहुँचाने का काम हो रहा है। तो वही राजधानी लखनऊ के बगल एक गाँव में लोगों को अभी तक बिजली नहीं मिल पाई है।
गाँव वालों की ज़ानिब
इस बाबत जब ग्रामीणों से संपर्क किया गया तो तो उन्होंने ने बताया कि ” इस बात की शिकायत कई बार स्थानीय अभियंताओं से की गयी लेकिन अभी तक कोई खास सफ़लता नहीं मिली। ग्रामीणों ने बताया कि आज़ादी के इतने वर्ष बाद भी उनका गाँव प्रकाश के लिए लालटेन और लैंप पर निर्भर है। मोबाइल चार्ज करने के लिए पड़ोस के गाँवों में जाना होता है। बिजली न होने के कारण ग्रामवासी टीवी, पंखे, इन्टरनेट जैसे जरुरी इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का लाभ लेने से वंचित हैं। ग्रामीणों को उम्मीद थी की इस बार की दीपावली बिजली के साथ मनाएंगे लेकिन ऐसा संभव न हो सका।
ग्रामीणों के मुताबिक गांव वृन्दावन ग्राम पंचायत ससपन का मजरा है। ग्रामीण दावा करते हैं कि घरों तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए काफी दिनों से प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि हर मजरे में जब बिजली पहुंचाई जा रही है तो हमारे मजरे को आखिर क्यों छोड़ा गया। ? वहीं बिजली विभाग उन गांवों मे कुछ घरों मे बिजली कनेक्शन देकर अपनी पीठ थपथपा रहा है मगर इन ग्रामीणों का दर्द आखिर क्यों नही समझ रहा है।
अधिकारियों की सफ़ाई
अधीक्षण अभियंता डी. के. त्रिपाठी का कहना है कि यदि ऐसा है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हम खुद जाकर गाँव के लोगों से मिलकर समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकालेंगे। युद्ध-स्तर पर काम कर गाँव तक बिजली पहुँचाने का कार्य शीघ्रता संपन्न किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस के लिए स्थानीय अभियंताओं की जवाबदेही तय की जाएगी। एवम दोषी पाए जाने पर उचित कार्यवाही की जाएगी।