इटावा। यूपी के इटावा जिले से डॉक्टरों की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है,जहाँ एक प्राइवेट नर्सिंग होम 17 दिन के अंदर एक महिला की जान पर बनी तीन बड़े ऑपरेशन होने से जान जाने का ख़तरा, प्रेग्नेंट महिला के ऑपरेशन के समय बच्चेदानी में छूटे मॉब से महिला की हालत चिंताजनक, तीसरा ऑपरेशन कर पेट मे छूटे मॉब (कपड़ा) को निकालने वाले डॉक्टर ने कहां ऑपरेशन के समय मॉब (कपड़ा) छोड़ना बड़ी लापरवाही जा सकती थी महिला की जान वही इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहां शिकायत आने पर इस लापरवाही को लेकर कार्यवाही की जायेगी
इटावा के स्टेशन बजरिया स्तिथ एक निजी नर्सिंग होम पर बड़ी लापरवाही का लगा है आरोप यहां 17 जुलाई को एक गर्भवती महिला डिलीवरी के लिए भर्ती की जाती है घर वालो की माने तो महिला का बड़ा ऑपरेशन होने के बाद पहला बच्चा होता है कुछ दिन भर्ती रहने के बाद महिला घर चली जाती है घर जाते ही महिला के पेट मे तकलीफ शुरू हो जाती है जिसके बाद दोबारा महिला को रघुकुल अस्पताल लाया जाता है और सारी बात डॉक्टर को बताई जाती है तब अस्पताल की ही महिला नर्स ने फोन कर परिजनों को जानकारी दी कि महिला के पेट गलती से मॉब( एक कपड़ा ) जो कि ब्लीडिंग को रोकने के प्रयोग किया जाता है वह रह गया था।
परिजनों का कहना है कि इनको जानकारी दिए बिना डॉक्टर्स ने कपड़ा निकालने के लिए दोबारा ऑपरेशन कर डाला लेकिन इतने पर भी कपड़ा नही मिलता है और आनन फानन में महिला का पेट सिल दिया जाता है और घर वालो से कह दिया जाता है कि महिला को हर्निया की शिकायत थी घर वालो को शक होने पर महिला का दूसरी जगज अल्ट्रासाउंड और सी टी स्केन कराया जाता है जिसमे स्पष्ट हो जाता है कि महिला के पेट के कोई चीज़ छूती हुई है जिसके बाद परिजन तुरंत महिला को दूसरे निजी अस्पताल ले जाते है।जहां आज उसका तीसरा ऑपरेशन कर मॉब ( कपड़े ) को निकाला जाता है तीसरा ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर ने बताया कि यह बड़ी लापरवाही थी और इससे महिला की जान भी जा सकती थी।
इटावा के सी एम ओ से बात की तो उन्होंने पूरे मामले में जांच की बात कह बचते नज़र आये क्योंकि इस पूरे घटनाक्रम में लापरवाही में एक सरकारी डॉक्टर की पहले ऑपरेशन करने की बात सामने आ रही है ओर जिनकी गलती से एक महिला के दो हफ्ते के अंदर तीन बड़े ऑपरेशन करने पड़ गए इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग और लापरवाही करने वाले अस्पताल के तार मिलते हुए नज़र आ रहे है क्योंकि अस्पताल में तैनात एक सरकारी डॉक्टर आखिर कैसे एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन करने जा सकता है ,हालांकि यह जिला अस्पताल का डॉक्टर फिलहाल संविदा पर ज़िला अस्पताल में तैनात है।
रिपोर्टर- चंचल दुबे