इटावा : माकपा और कांग्रेस पार्टी ने किसान बिल के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

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इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद में केंद्र सरकार के द्वारा किसान बिल अधिनियम लागू किए जाने के विरोध में माकपा और कांग्रेस पार्टी कर सैकड़ो कार्यकर्ता किसानों के साथ मंडी परिसर में विरोध में बैठ गए है। धरने पर बैठे कॉंग्रेस और माकपा के नेताओ ने किसान बिल अधिनियम को राज्यसभा और लोकसभा में पास करने के तरीके को असंवैधानिक बताया।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष का  बयान

कांग्रेस जिलाध्यक्ष मलखान सिंह ने बताया कि देश मे भाजपा सरकार के द्वारा जो किसान विरोधी बिल लाया गया है। उसके विरोध में पूरे देश का किसान और किसान संगठन और राजनैतिक दल इस बिल का विरोध कर रहे है।उन्होंने बताया कि इस बिल से जो किसान है। वह मजदूरी करने पर विवश हो जाएंगे और पूंजीपति हावी हो जाएंगे इस बिल से जमाखोरी बढ़ेगी और इस बिल से किसानों को उचित दाम नही मिल पाएगा।किसानों को जो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलता है। उसपर सरकार का प्रहार है।

Malkhan Singh Yadav (Congress District President)
Malkhan Singh Yadav (Congress District President)

इस बिल के माध्यम से मंडियों को समाप्त करने का काम किया जा रहा है और किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने का कार्य किया जा रहा है। इसलिए हम लोग इस काले कानून को बापिस लेने की मांग को लेकर विरोध कर रहे है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिलाध्यक्ष का बयान

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जिलाध्यक्ष मुकुट सिंह ने बताया कि आज आखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के द्वारा पूरे देश मे किसान बिल अधिनियम का प्रतिरोध कर रहे है और प्रतिरोध के माध्यम से भारत सरकार और राष्ट्रपति से मांग कर रहे है।

Mukut (CPI District President)
Mukut (CPI District President)

अभी हाल में ही जो तीन अध्यादेश पास किये गए है कृषि से सम्बंधित यह काला कानून है यह कानून किसानों को बर्बाद कर देगा यह सरकारी खरीद को खत्म कर देगा इस बिल से देश मे लोगो के सामने भूख और भोजन का खतरा पैदा हो जाएगा इसलिए इस काले कानून को बापिस लेने की मांग करते हुए हम लोग धरने पर बैठें है।₹

रिपोर्ट- चंचल दुबे

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