तेजस ट्रेन में काम कर रहे कर्मचारियों की छुट्टी

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देश की पहली प्राइवेट रेलगाड़ी ‘तेजस’ अपनी सुविधा को लेकर काफी चर्चा में है। लेकिन जैसे जैसे इसकी चर्चा ज्यादा हो रही है वैसे वैसे ये अपना असली रंग दिखाना शुरू कर रही है। आपको बता दे की इसमें काम करने वाले कर्मचारी बेहद परेशान हैं।वहाँ काम करने वालो का आरोप है की हर रोज 18 घंटे काम कराया जाता था और इस बीच रेस्ट रूम में उन्हें आराम भी नहीं करने दिया जाता था।

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नहीं बताया गया नौकरी से निकालने का कारण 

तेजस में जो लोग उसकी शुरुआत से ही काम कर रहे है उनसे बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि तेजस की शुरुआत से ही वह वहां काम कर रहे है। उनके अंतर्गत एक दर्जन से ज्यादा केबिन क्रू मेंबर्स काम कर रही थीं। अधिकतर को उनके साथ दिवाली के बाद हटा दिया गया। जब उन्होंने हटाए जाने का कारण पूछा तो ख़राब परफॉरमेंस बताया गया। उनका कहना है वे सब प्रोबेशन पीरियड पर थे।

महिला कर्मचारियों के साथ की जाती थी छेड़खानी 

इसके साथ ही वहाँ की महिला कर्मचारिय छेड़खानी और देर से मिल रही सैलरी से बेहद परेशान हैं। उनका कहना है की सेलरी मांगने पर उनको नौकर से निकल दिया गया। इस दौरान एक दर्जन से अधिक केबिन क्रू व अटैंडेंट को बिना नोटिस के नौकरी से निकाल दिया गया है। अब ये युवा परेशान हैं और ट्वीट करके रेल मंत्री और आईआरसीटीसी से मदद मांग रहे हैं। लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा। इस दौरान सैलरी मांगने पर करीब 20 लोगों को जबरन नौकरी से बाहर कर दिया गया है।

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