उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान 19 दिसंबर को अपने पति के साथ गिरफ्तार हुई एकता शेखर को जमानत मिल गई है। जेल से निकलने के बाद वह फ़ौरन अपनी बेटी चंपक से मिलीं। उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी को लेकर काफी डरी हुई थीं। बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि “मेरी बच्ची चंपक मेरे दूध पर निर्भर है, मैं उसके बारे में चिंतित थी। यह मेरे लिए बहुत कठिन था”।
Ekta Shekhar who was arrested along with her husband during protests against Citizenship Amendment Act in Varanasi on 19th December, has been granted bail. Ekta says, "My baby daughter Champak is dependent on my milk, I was worried about her. It was very tough for me". pic.twitter.com/ZhaIk61P01
— ANI UP (@ANINewsUP) January 2, 2020
सीएए को लेकर वाराणसी के बेनियाबाग में ज़बरदस्त प्रदर्शन हुए थे जिसमे एकता शेखर और उनके पति रवि शेखर समेत कुल 56 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। बुधवार को सभी प्रदर्शनकारियों को कोर्ट ने 25-25 हजार रुपये के दो जमानतदारों के बंधपत्र दाखिल करने पर ज़मानत दे दी है। 19 दिसंबर को इन सभी प्रदर्शनकारियों ने धारा 144 लागु होने के बावजूद जुलुस निकला। पुलिस के माना करने पर हिंसा पर उतर आये जिसके कारण इन 56 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
गिरफ्तार किये गए लोगों में रवि शेखर तथा उनकी पत्नी एकता शेखर के अलावा सानिया खां, मनीष शर्मा, राजनाथ पांडेय, नंदलाल पटेल, रामदुलार, शिवनाथ, प्यारेलाल, लालमणि वर्मा, हेमलाल, श्यामलाल, शिवशंकर भारती, अमृत कुमार, जयशंकर, विजय कुमार, नंदाराम शास्त्री, जयशंकर, अनिल कुमार, सुरेंद्र यादव, नितेश कुमार, रवीन्द्र प्रकाश, दीपक सिंह, नीरज, राज, अभिषेक, अर्पित गिरि, अनंत प्रकाश, रोहन कुमार, सागर, विवेक, दिवाकर, धनंजय साजिद उर्फ शाहिद जमाल, मो. अहमद निसार, शमीम, अनवर, परवेज, रईस अहमद अंसारी, फिरोज अहमद, अब्दुल मतीन, इकबाल, मोबिन अहमद, सिराज, मो. शाहिद, अकबर तथा अहमद अंसारी शामिल हैं।
सभी प्रदर्शनकारियों की जमानत अर्जी निचली अदालत में ख़ारिज कर दी गई थी जिसके बाद सत्र न्यायालय में इन सभी लोगों की जमानत अर्जी दाखिल की गई। बुधवार को इस पर सुनवाई हुई जिसमे बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी तथा अनिल कुमार सिंह ने पक्ष रखा। अपर जिला जज सर्वेश कुमार पांडेय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सभी लोगों की ज़मानत अर्ज़ी को मंज़ूर कर लिया। जेलर पीके त्रिवेदी ने बताया कि शाम को 5:00 बजे के बाद एकता शेखर तथा एक अन्य महिला का परवाना पहुँचने के कारण उनकी रिहाई नहीं हो सकी हैं। नियमों के अनुसार शाम 4.30 बजे तक परवाना पहुँचने पर रिहाई कर दी जाती है। आज गुरुवार को सुबह 7:00 बजे से 8:00 बजे के बीच इन दोनों महिलाओं की रिहाई हो पायी है।