कोरोनावायरस महामारी की वजह से लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। इस पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा की “पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा… अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार..ऐ बाबू कोई भला कैसे करें एतबार… अब लोग यह नहीं पूछ रहे कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं। बल्कि यह पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल -गोल गोली होती हैं।
वहीं इस पैकेज को लेकर बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि “बीएसपी का मानना है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अति अहम मामले में प्राइवेट सेक्टर के बजाय सरकारी पहल व इसके जरिए देश की पूंजी में विकास की ज्यादा जरूरत है। इस पर ईमानदारी से अमल करने से ही गरीबी व बेरोजगार सहित देश की अन्य और भी मूलभूत समस्याओं का समाधान संभव होगा।”
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना
PM says :
Financial Package : 20 2020
Of ₹20 lakhs cr. experts say :
Govt. cash outflow only ₹4 lakh cr.
Rest :
RBI injected into system ₹8 lakh cr.
Additional govt. borrowings over ₹ 5lakh cr.
₹1 lakh cr. revolving guaranteeActual financial package :
4 2020
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 13, 2020
इस पैकेज को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि पीएम ने हेड लाइन और सादा पेपर दिया। आज कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तंज कसा और ट्वीट करते हुए लिखा कि पीएम ने कहा फाइनेंस पैकेज 2020 में 20 लाख करोड़ रुपए का है। इस पर एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार के पास नकदी प्रवाह केवल 4 लाख करोड़ रुपए का है। आरबीआई ने आठ लाख करोड़ का नकदी प्रवाह मार्केट में डाला हुआ है। 5 लाख करोड़ का अतिरिक्त कर्ज है और एक लाख करोड़ गारंटी फीस है। वास्तविक वित्तीय पैकेज 4 2020 है।” यानी सरकार के पास 20 लाख करोड़ रुपए का वित्तीय पैकेज नहीं बल्कि 4 लाख करोड़ रुपए का वित्तीय पैकेज है।