बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व उनकी पत्नी राबड़ी देवी की मूर्ति को माँ दुर्गा की मूर्ति के पास लगाया गया है। एक तरफ लालू यादव लालटेन लेकर खड़े है व दूसरी तरफ राबड़ी देवी। आपको बता दें की लालटेन आरजेडी का चुनाव चिन्ह है। ये मूर्ति रांची में लगायी गयी है।
रांची, झारखंड के नवयुवक संघ को राजद परिवार तहेदिल से आभार प्रकट करता है कि आपने ग़रीबों,उपेक्षितों,उत्पीडितों, उपहासितों, वंचितो के मसीहा लालू जी के सामाजिक कार्यों को कला के माध्यम से रेखांकित करने का सराहनीय कार्य किया है। आप इसके लिए बधाई के पात्र हैं।आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ। pic.twitter.com/azvX5jBvzi
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) October 6, 2019
लालू मसीहा व राबड़ी राजमाता
दुर्गा पूजा पंडाल में लालू प्रसाद यादव को ‘गरीबों का मसीहा’ और राबड़ी देवी को ‘राजमाता’ बताया गया है। यानि इन्हे देवी देवता बनाने की कोशिस की गयी है। ऐसा झारखण्ड की एक पूजा समिति ने किया है। जिसको देखने के बाद वहां के लोग और पुजारी काफी नाराज हुए।
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आसाराम की पूजा की जा सकती है।राम रहीम की पूजा की जा सकती है। चिन्मयानंद की पूजा की जा सकती है। पर विवाद तब उठता है जब हाथ जोड़ दुर्गा के सामने खड़े लालू जी और राबड़ी देवी जी की प्रतिमा लगा दी जाती है ।विवाद तब उठता है जब कमल की जगह सजावट के लिए पंडाल में लालटेन लगा दिया जाता है। pic.twitter.com/aPuIwoyET2
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इस बात पर विवाद होते देख आरजेडी ने ट्वीट कर विरोध करने वालों पर हमला बोलते हुए कहा की चिन्मयानंद, आसाराम,राम रहीम की पूजा की जा सकती है। पर विवाद तब होता है जब हाथ जोड़ कर दुर्गा के सामने खड़े लालू जी और राबड़ी देवी जी की प्रतिमा लगा दी जाती है और विवाद तब उठता है जब सजावट में कमल की जगह लालटेन लगा दी जाती है।