मई की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा को लेकर तनाव चल रहा है। जिस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि “हम देख रहे हैं कि दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों की सेनाएं काफी शक्तिशाली है। सीमा विवाद को लेकर चीन और भारत खुश नहीं है। यदि वे चाहेंगे तो मैं मध्यस्था करने को तैयार हूं।”
डोनाल्ड ट्रंप के इस प्रस्ताव को भारत ने पहले ही यह कहकर ठुकरा दिया था कि दोनों देश आपसी बातचीत से इस मामले को सुलझा लेंगे। अब चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से भी बयान जारी कर कहा गया है कि भारत और चीन किसी भी विवाद को आपस में बात करके हल कर सकते हैं। ऐसे में किसी तीसरे देश की आवश्यकता नहीं है।
कोरोनावायरस की वजह से अमेरिका और चीन में पहले से ही तनाव है और अमेरिका चीन को हर मुद्दे पर घेरने को तैयार है। इसलिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीमा विवाद को लेकर मध्यस्थता करने की बात कही। इससे पहले भी ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता करने को कह चुके हैं।
इससे पहले लिपुलेख और काला पानी को लेकर भारत का नेपाल के साथ भी विवाद चल रहा था। क्योंकि नेपाल ने कुछ दिनों पहले एक नक्शा जारी किया था। जिसमें भारत के इन हिस्सों को अपना बताया था। लेकिन बाद में नेपाल अपने इस दावे से पीछे हट गया जिसकी वजह से दोनों देशों में अब तनाव कम है।