उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लखनऊ विकास प्राधिकरण में हुए घोटाले को लेकर एक पत्र भेजा था। यह पत्र उन्होंने 26 अगस्त को लिखा था जिसमे कमर्शियल प्लाट के आवंटन, प्लाट के फर्जीवाड़े, पुरानी योजनाओं की गायब हुई फ़ाइल, निजी बिल्डर को फयादा पहुंचाने जैसे मामलों पर मुख्यमंत्री से कार्यवाही करने की अपील की गई थी।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या का कहना है कि “चिट्ठी लिखना एक रूटीन वर्क है, जनता की शिकायत मिलती है तो चिट्ठी लिखी जाती है, हमारे कार्यालय से रोजाना लगभग 50 चिट्ठियां लिखी जाती हैं, शिकायत आएगी तो चिट्ठी लिखी ही जाएगी”।
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यह है घोटालों की लिस्ट
- लखनऊ विकास प्राधिकरण में पिछले एक साल में कमर्शियल प्लाट की नीलामी में बहुत सी गड़बड़ी सामने आई है लेकिन उनपर अभी तक कोई भी कार्यवाही नही की गई है
- फ़र्ज़ी तरीके से समायोजन के मामले में ट्रांसपोर्ट नगर से लेकर गोमती नगर और जनकीपुराम के कई प्लॉट के आवंटन से जुड़ी फ़ाइल गायब हो चुकी हैं
- बहुत से मामलों में कमिनशर के स्तर से हुई जांच में एलडीए के वित्त नियंत्रक राजीव कुमार और संयुक्त सचिव डीएम कटियार को हटाने की सिफारिश भी की गई थी लेकिन इस पर भी कोई फैसला नही हो सका
- इसी साल मई महीने में एलडीए के सर्वे में पता चला है कि गोमती नगर और गोमती नगर विस्तार में खाली पड़े फ्लैट्स के कई ऐसे डिफाल्टर आवंटी है जिन्होंने योजना का 10% भी जमा नही किया उनका आवंटन अभी तक रद्द नही हुआ है
- एलडीए के अधिकारियों को कानपुर रोड, बसंतकुंज योजना तथा जनकीपुराम योजना में 30 से 40 वर्गमीटर का प्लाट मिला था लेकिन उन्होंने नियम में बदलाव के चलते अपने करीबियों को फयादा पहुँचाने के लिए उस प्लाट की जगह गोमती नगर विस्तार में 150 वर्ग मीटर प्लाट दे दिया
- कई कंपनियां जो समय से सरकारी आवास निर्माण कार्य पूरा नही कर पायीं उनको ब्लैक लिस्ट नही किया गया
- नियम है कि एलडीए के कमर्शियल प्लॉट की नीलामी में तीन साल पुरानी कंपनी ही शामिल हो सकती है लेकिन एलडीए के अधिकारियों ने सिर्फ 9 दिन पहले बनी कंपनी को भी इस नीलामी में शामिल कर लिया।