SIT ने प्रेसवार्ता कर स्वामी चिन्मयानंद मामले का किया खुलासा

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पुलिस लाइन सभागार में एसआइटी ने आज प्रेसवार्ता किया जिसमे मीडिया के सामने स्वामी चिन्मयानंद के मामले की जानकारी दी गई। प्रेसवार्ता में एसआइटी ने कहा कि 6 सितम्बर से इस मामले की जांच की जा रही है जिसकी चार्ट शीट अब तैयार हुई है। इस पूरी जांच के दौरान 105 गवाहों के बयान लिए गए और सारे साक्ष्य की जांच एफएसएल के द्वारा कराई है। इसमें 20 भौतिक साक्ष्य 55 अभिलेखीय साक्ष्य और 4700 पेज की सीडी शामिल हैं।

एसआइटी ने बताया कि जिस वॉट्सएप से धमकी भरा मैसेज भेजा गया उसे रिकवर कर लिया गया है। वॉट्सएप द्वारा अश्लील फोटो भी भेजे गए थे जिसपर आईटी एक्ट का चार्ज बनता है। एफएसएल के ज़रिये वायरल वीडियो की जांच कराई और न्यायालय से अनुमति लेकर अभियुक्त के ऑडियो की जांच कराई गई है। सचिन ने बहुत सारे होटलों की बुकिंग करवाया था जिसकी जांच करवाई गई और दिव्य धाम से बहुत सारे साक्ष्य इकठ्ठा कर के उनकी भी जांच एफएसएल के ज़रिये करवाया। इन दोनों मामलों में लिफ्ट आरोपियों की सीडीआर निकलवाई गई।

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प्रेसवार्ता के दौरान एसआइटी ने आगे कहा कि होटल तथा गेस्ट हाउस के अंदर की जो सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिली थी उसकी भी जांच एफएसएल के द्वारा करवाई। जांच में मिस ए (बदला नाम) चश्मा नहीं मिला लेकिन यह पता चला कि वह चश्मा संजय और मिस ए के द्वारा हटा दिया गया है। कुछ अन्य साक्ष्य नाले में फेके गए थे। हॉस्टल में छात्रा के कमरे में ताला लगा हुआ था जिसकी चाबी छात्रा के पास थी इसीलिए उसपर आरोप लग रहे थे कि उसने ताला तोड़कर शाक्ष्य के साथ छेड़छाड़ किया है जो कि बिलकुल गलत है।

एसआइटी ने कहा कि अजित सिंह तथा डीपीएस छात्रा के साथ मौजूद थे और इस दौरान इन लोगों पर 385, 201, 506 आईपीसी की धारा लागू होती है। इस मामले का जिक्र चार्ज शीट में किया जा चुका है और इसपर दोनों की बेल लगी है। हाईकोर्ट की सुनवाई से पहले इस चार्ज सीट को दाखिल करना है।

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